() के यूथ विंग के अध्यक्ष वाहिद पारा को जमानत पर हुई रिहाई के कुछ देर के बाद ही फिर से गिरफ्तार कर लिया गया है। टेरर फंडिंग मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने पारा को जमानत पर छोड़ दिया था। इसके बाद काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (CIK) ने अरेस्ट कर लिया। पीडीपी चीफ ने इस मामले में उपराज्यपाल से हस्तक्षेप की गुजारिश की है।
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा ने इस मामले में ट्वीट करते हुए लिखा, ‘एनआईए कोर्ट ने सारी कार्रवाई के बाद वाहिद पारा को जमानत दी थी। अब CIK ने उन्हें जम्मू में गिरफ्तार कर लिया है। अब किस जुर्म में और किस कानून के तहत उन्हें गिरफ्तार किया गया है? यह साफ तौर पर कोर्ट की अवमानना है। मैं मनोज सिन्हा जी से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील करती हूं, जिससे कि न्याय मिले।’
दक्षिण कश्मीर के अपने गृहनगर पुलवामा जिले से जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव जीतने वाले पारा को एनआईए अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें एक लाख रुपये की जमानत राशि पर जमानत दी। उन्हें पिछले साल 25 नवंबर को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अन्य आरोपी व्यक्तियों के साथ साजिश करके हिजबुल मुजाहिदीन का समर्थन करने के लिए नवीद बाबू-दविंदर सिंह मामले में गिरफ्तार किया गया था। पीडीपी ने इस आरोप से इनकार करते हुए उनकी गिरफ्तारी को ‘राजनीति से प्रेरित’ करार दिया था।
शनिवार को एनआईए कोर्ट से रिहाई होने के बाद पारा को काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर ने दबोच लिया। सूत्रों के अनुसार युवाओं में लोकप्रियता को देखते हुए कुछ अधिकारी औऱ नेता पारा की रिहाई के खिलाफ हैं। पारा ने जेल में रहते हुए ही डीडीसी चुनाव में जीत दर्ज की थी। अभी पारा की संपत्तियों की जांच की जा रही है।