अभय सिंह चौटाला का इस्तीफा, स्पीकर को पत्र लिखकर केंद्र सरकार को अल्टीमेटम

चंडीगढ़
कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। पंजाब के बाद अब हरियाणा में भी कानूनों के खिलाफ विरोध तेज हो गया है। रविवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की रैली पर किसानों का आक्रोश सामने आने के बाद अब आईएनएलडी (इंडियन नैशनल लोकदल) के विधायक ने भी कानूनों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। चौटाला ने विधानसभा स्पीकर को एक पत्र लिखकर विधायकी से इस्तीफे का ऐलान किया है।

अपने पत्र में चौटाला ने लिखा है कि अगर 26 जनवरी तक केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है, तो इस पत्र को ही उनका इस्तीफा समझा जाए। उन्होंने स्पीकर को संबोधित अपने पत्र में लिखा है कि चौधरी देवीलाल जी ने हमेशा किसानों के लिए संघर्ष किया है। आज की परिस्थितियों में उसी विरासत का मैं रखवाला हूं। उन्होंने कहा कि कानूनों का देशभर में विरोध हो रहा है। कड़ाके की ठंड में 47 दिन से ज्यादा समय से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान 60 से ज्यादा किसान शहीद हो चुके हैं।

संवेदनहीन विधानसभा में मेरा कोई महत्व नहींः चौटाला
चौटाला ने कहा कि 8 दौर की बातचीत के बाद भी केंद्र सरकार ने तीनों काले कानूनों को वापस लेने के बारे में कोई सहमति नहीं दर्शाई है। सरकार ने जो परिस्थितियां बनाई हैं, उन्हें देखकर किसानों के हितों की रक्षा के लिए मैं अपनी भूमिका निभा पाने का विकल्प नहीं पा रहा हूं, इसलिए एक संवेदनहीन विधानसभा में मेरी मौजूदगी कोई महत्व नहीं रखती। इन हालातों को देखते हुए अगर भारत सरकार 26 जनवरी 2021 तक कानूनों को वापस नहीं लेती तो इस पत्र को ही विधानसभा से मेरा त्यागपत्र समझा जाए।

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