इस बैंक ने घटा दीं ब्याज दरें, जानिए कितना सस्ता हुआ यहां से लोन लेना!

मुंबई
कोरोना महामारी के बीच जब लोगों को पैसों की काफी जरूरत रह रही है, एक बैंक ने अपनी ब्याज दरों में बड़ी कटौती की है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया () ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स पर आधारित लैंडिंग रेट यानी एमसीएलआर () को 15 बेसिस पॉइंट्स तक घटा दिया है। ओवरनाइट एमसीएलआर को 15 बेसिस प्वाइंट घटाया गया है, जबकि एक माह की एमसीएलआर को 5 बेसिस पॉइंट्स तक घटाया गया है। संशोधित एमसीएलआर की दरें 11 जनवरी 2021 से लागू होंगी।

अब क्या हो गईं नई दरें
ओवरनाइट एमसीएलआर अब 6.60 फीसदी होगी, जो पहले 6.75 फीसदी थी। वहीं, एक महीने की एमसीएलआर 6.70 फीसदी होगी, जो पहले 6.75 फीसदी थी। इसके अलावा 3 महीने के एमसीएलआर पर 6.90 फीसदी ब्याज लगेगा। 6 महीने की अवधि के लिए एमसीएलआर दर 7.05 फीसदी कर दी गई है और 1 साल के लिए ये दर 7.20 फीसदी निर्धारित की गई है।

क्या है MCLR?
अप्रैल 2016 से लोन के लिए बैंकों की तरफ से लिए जाने वाले ब्याज की जगह एमसीएलआर (MCLR) का इस्तेमाल करना शुरू किया गया। जब आप किसी बैंक से कर्ज लेते हैं तो बैंक द्वारा लिए जाने वाले ब्याज की न्यूनतम दर को आधार दर कहा जाता है। आधार दर से कम दर पर बैंक किसी को लोन नहीं दे सकता। इसी आधार दर की जगह पर अब बैंक एमसीएलआर का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसकी गणना धनराशि की सीमांत लागत, आवधिक प्रीमियम, संचालन खर्च और नकदी भंडार अनुपात को बनाए रखने की लागत के आधार पर की जाती है। बाद में इस गणना के आधार पर लोन दिया जाता है। यह आधार दर से सस्ता होता है। इस वजह से होम लोन जैसे लोन्स भी इसके लागू होने के बाद से काफी सस्ते हुए हैं।

क्या है MCLR का उद्देश्य?
एमसीएलआर अनेक बैंकों के लेंडिंग रेट्स की नीतिगत दरों के ट्रांसमिशन में सुधार लाने के उद्देश्य से लागू किया गया है। साथ ही इसका उद्देश्य ऐसी दरों पर बैंक लोन की उपलब्धता सुनिश्चित करना है जो ऋण देने वालों के साथ-साथ उधार लेने वालों के लिए भी उचित हो। एमसीएलआर इसलिए भी लागू किया गया ताकि सभी बैंकों के ब्याज दरों के निर्धारण की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जा सके। बैंकों और ऋणदाताओं के प्रतिस्पर्धात्मक मूल्यों में सुधार लाना भी एमसीएलआर का लक्ष्य है।

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