प्रसिद्ध पाकिस्तानी शायर नसीर तुराबी का निधन, ‘वो हमसफर था’ गजल से मिली थी पहचान

कराची
भारत में जन्मे प्रसिद्ध पाकिस्तानी शायर और लेखक का दिल का दौरा पड़ने से कराची में निधन हो गया। वह 75 साल के थे। डॉन अखबार ने सोमवार को खबर प्रकाशित करते हुए जानकारी दी कि हैदराबाद दक्कन में 15 जून, 1945 को जन्मे तुराबी के परिवार में पत्नी और दो बेटे हैं।

कराची में हुआ इंतकाल
अखबार के मुताबिक रविवार शाम कराची में दिल का दौरा पड़ने से उनका इंतकाल हो गया। तुराबी को सोमवार को वादी-ए-हुसैन कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया गया। उनके पिता अल्लामा रशीद तुराबी जानेमाने धार्मिक विद्वान थे जो 1947 में विभाजन के बाद पाकिस्तान आकर कराची में बस गये थे।

गजल ‘वो हमसफर था’ से मिली थी पहचान
नसीर तुराबी ने 1962 में कराची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एमए की डिग्री प्राप्त की थी। उनकी प्रसिद्ध रचनाओं में गजल ‘वो हमसफर था’ का नाम भी लिया जाता है जिसे बाद में 2011 में पाकिस्तानी धारावाहिक हमसफर के संगीत के तौर पर इस्तेमाल किया गया।

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