सोनू सूद ने अपने वकील के माध्यम से पिछले हफ्ते कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा था कि उन्होंने छह मंजिला शक्तिसागर इमारत में कोई अवैध या अनधिकृत निर्माण नहीं कराया है। उन्होंने इमारत में ऐसा कोई बदलाव नहीं कराया है जिसके लिए बीएमसी की अनुमति जरूरी हो। केवल वे बदलाव ही किए गए हैं जिसकी महाराष्ट्र क्षेत्रीय एवं नगर योजना (MRTP) अधिनियम के तहत अनुमति है।
बीएमसी की ओर से सोनू सूद को साल 2020 में नोटिस जारी किया गया था। इस नोटिस के खिलाफ उन्होंने दीवानी कोर्ट का रुख किया था लेकिन उन्हें वहां अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। इसके बाद सोनू सूद ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
बता दें कि बीएमसी ने इस मामले में जुहू पुलिस से 4 जनवरी को शिकायत की थी। इस शिकायत में बताया गया था कि सोनू सूद ने शक्तिसागर बिल्डिंग जो कि एक रिहाइशी इमारत है, इसे बिना परमिशन लिए होटल में तब्दील कर लिया है। बीएमसी ने पुलिस से दरख्वास्त की है कि सोनू सूद पर महाराष्ट्र रीजन ऐंड टाउन प्लानिंग (MRTP) ऐक्ट के तहत ऐक्शन लिया जाए।