सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में इस मुद्दे का समाधान के लिए चार सदस्यीय कमिटी बना दिया है। इस कमिटी में भूपिंदर सिंह मान (अध्यक्ष बेकीयू), डॉ प्रमोद कुमार जोशी (अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान), अशोक गुलाटी (कृषि अर्थशास्त्री) और अनिल घनवट (शिवकेरी संगठन, महाराष्ट्र) होंगे।
सुप्रीम कोर्ट से नरेंद्र मोदी सरकार को बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने अगले आदेश तक कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगा दी (SC Decision on Farmers) है। कोर्ट ने साथ ही किसानों के मुद्दे (Farmers Protest News) के समाधान के लिए कमिटी गठित करने का आदेश पारित कर दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी समस्याओं को यह कमिटी (SC Sets up 4 Member Committee) सुनेगी और रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय को सौंपेगी। समस्या के समाधान के लिए अब कमिटी ही बातचीत करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में इस मुद्दे का समाधान के लिए चार सदस्यीय कमिटी बना दिया है। इस कमिटी में भूपिंदर सिंह मान (अध्यक्ष बेकीयू), डॉ प्रमोद कुमार जोशी (अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान), अशोक गुलाटी (कृषि अर्थशास्त्री) और अनिल घनवट (शिवकेरी संगठन, महाराष्ट्र) होंगे।
भूपिंदर सिंह मान
भूपिंदर सिंह मान भारतीय किसान यूनियन (BKU) के अध्यक्ष और पूर्व राज्यसभा सांसद हैं। किसान संघर्षों में योगदान को ध्यान में रखते हुए 1990 में राष्ट्रपति की ओर से भूपिंदर सिंह मान को राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया गया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसान संगठन के बीच जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए 4 सदस्यीय कमिटी में इन्हें शामिल किया।
प्रमोद कुमार जोशी
उत्तराखंड के अल्मोड़ा में जन्मे जोशी जाने माने कृषि विशेषज्ञ हैं। वह कई नामी-गिरामी संस्थानों में विशेषज्ञ पदों पर रह चुके हैं।
अशोक गुलाटी
सुप्रीम कोर्ट ने कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी को भी इस कमिटी का सदस्य नियुक्त किया है। गुलाटी फिलवक्त ICRIER के चेयर प्रोफेसर हैं। अपने लेखों और रिसर्च पेपर में गुलाटी किसानों के उत्पाद को लेकर आवाज उठाते रहे हैं।
अनिल घनवट
शीर्ष अदालत ने शिवकेरी संगठन महाराष्ट्र के अनिल घनवट को भी इस कमिटी में शामिल किया है। शेतकारी संगठन के अध्यक्ष धनवट के इस संगठन के साथ लाखों किसान जुड़े हुए हैं। इस संगठन का महाराष्ट्र के किसानों पर बड़ा असर है।