दीपक ने बड़ौदा क्रिकेट असोसिएशन को पत्र लिखकर कप्तान क्रुणाल पंड्या के खिलाफ शिकायत की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पंड्या ने साथी खिलाड़ियों के सामने उनके खिलाफ ‘अभद्र भाषा’ का इस्तेमाल किया और ‘करियर खत्म करने की धमकी’ तक दी।
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इतना ही नहीं, दीपक हुड्डा ने असोसिशन को पत्र लिखकर पंड्या के बर्ताव को ‘दादागीरी’ कहा है। वह शनिवार रात को बायो-बबल छोड़कर चले गए।
17 साल तक बड़ौदा टीम के लिए खेलने वाले इरफान ने कहा, ‘इस महामारी (कोरोना वायरस) के मुश्किल वक्त में खिलाड़ी का मानसिक स्वास्थ्य बेहद अहम हो जाता है, क्योंकि उन्हें बायो-बबल में रहते हुए खेल पर फोकस भी करना होता है।’
36 साल के पठान ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया। उन्होंने साथ ही लिखा कि बीसीए ने किस तरह दो खिलाड़ियों को ड्रॉप किया जिन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रोफी के पिछले एडिशन में अच्छा प्रदर्शन किया था। वे दो खिलाड़ी आदित्य वाघमोरे और स्वप्निल सिंह थे, जिन्हें नजरअंदाज किया गया।
इससे पहले हुड्डा ने असोसिशन को ईमेल लिखा, ‘मैं पिछले 11 साल से बड़ौदा क्रिकेट असोसिएशन के लिए क्रिकेट खेल रहा हूं। इस समय मुझे सैयद मुश्ताक अली ट्रोफी के लिए चुना गया है। मैं उत्साह हीन, तनावग्रत और दबाव में महसूस कर रहा हूं।’
उन्होंने लिखा, ‘पिछले दो-चार दिनों से मेरे कप्तान मिस्टर क्रुणाल पंड्या टीम के साथी खिलाड़ियों और टूर्नमेंट में भाग लेने आईं अन्य राज्यों के खिलाड़ियों के सामने मेरे खिलाफ गाली-गलौज भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। पंड्या ने मुझे प्रैक्टिस से रोककर अपनी दादागीरी दिखाई।’
दीपक ने बड़ौदा के लिए 46 फर्स्ट क्लास मैच और 123 टी20 मैच खेले हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के माहौल में वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाए थे।