घर बैठे ऑनलाइन शॉपिंग ने बेशक लोगों को काफी सुविधा दी है। लेकिन जालसाज इसका फायदा उठाकर खरीदारों को चपत भी लगा रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में ठगी का एक नया ट्रेंड सामने आया है। इसमें ठग ऑनलाइन खरीदारी करने वालों को कंपनी की तरफ से लकी ड्रॉ का झांसा देकर चूना लगा रहे हैं। जालसाज लोगों को 10 लाख रुपये से अधिक का लालच देते हैं। इसके बदले में वे 1 लाख रुपये तक पीड़ितों से ऐंठ लेते हैं। वहीं ऐसे मामलों में अभी तक पुलिस को कोई कामयाबी नहीं मिली है। हालांकि, पुलिस इस प्रकार के गैंग पर काम करने का दावा कर रही है।
एक सप्ताह में किए ऑर्डर की जानकारी ठगों को
गाजियाबाद में हाल में ऐसे मामले सामने आए हैं। जिसमें किसी न किसी नामी वेबसाइट से शॉपिंग करने के एक सप्ताह के अंदर ही खरीदार के पास ठगों की कॉल आ गई। कॉल करने वाले के पास ऑर्डर की पूरी जानकारी होती है। विश्वास जीतने के लिए वह पुराने ऑर्डर की भी जानकारी देते हैं। यही नहीं ये लोग संबंधित कंपनी के नाम से अपना फर्जी आईकार्ड बना लेते हैं। सीओ साइबर सेल अभय कुमार मिश्रा ने बताया कि इस प्रकार का डेटा इकट्ठा करना ठगों के लिए बड़ा कार्य नहीं है। दिल्ली समेत कई आईटी हब वाली जगहों पर ऐसे हैकर हैं जो लोगों के इस तरह के डेटा को चुराते हैं। इसके अलावा कई बार कंपनी के कर्मचारी भी डेटा को बेचने का कार्य करते हैं। जिले में हाल ही में पकड़े गए 2 फर्जी कॉल सेंटर पर काम करने वालों ने बताया था कि वे लोग कंपनी के कर्मचारियों से भी डेटा लेते थे।
केस-1: बेटे के इलाज की जरूरत को पूरा करने के लिए गवाएं रुपये
राजनगर एक्सटेंशन की एक सोसायटी में रहने वाले सुरेश चंद का बेटा तीन साल से कोमा में है। उसके इलाज में काफी खर्चा होता है। उन्होंने बताया कि वह अक्सर शॉपक्लूज वेबसाइट से खरीदारी करते हैं। अक्टूबर में उन्होंने कुछ सामान यहां से खरीदा था। खरीदारी के कुछ दिन बाद अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में उनके पास कंपनी के नाम से एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने ऑर्डर की पूरी डिटेल देते हुए कहा कि इस खरीदारी के लिए लकी ड्रॉ में आपकी सफारी कार निकली है। आप चाहें तो कार ले सकते हैं या इसके बदले 13 लाख रुपये। बेटे के इलाज में रुपये की जरूरत को देखते हुए उन्होंने 13 लाख लेने की बात कही। इस पर जालसाज ने टैक्स और प्रोसेसिंग फीस के नाम पर उनसे 1 लाख 96 हजार रुपये ले लिए। काफी दिन बाद भी जब उन्हें पैसा नहीं मिला तो उन्हें ठगी का पता चला। इस मामले में पहले तो 20 दिन बाद रिपोर्ट दर्ज हुई और अब 2 महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
केस-2 : इंश्योरेंस और पेपर वर्क के नाम पर ले लिए रुपये
कविनगर थाना क्षेत्र में रहने वाले सुबोध पांडे ने पिछले साल जुलाई में फ्लिपकार्ट से कुछ सामान खरीदा था। ऑर्डर की डिलिवरी होने के 2 दिन बाद उनके पास कंपनी का नाम लेकर एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने उन्हें लकी ड्रॉ का विनर बताया। उनसे कहा गया कि आप 10 लाख रुपये तक की कोई भी कार ले सकते हैं। कॉलर ने उन्हें ऑर्डर की पूरी जानकारी दी थी और अपना आईकार्ड भी भेजा था। इस वजह से उन्हें भरोसा हो गया। उन्होंने कार लेने के लिए सहमति जता दी। इसके बाद उनसे कार के इंश्योरेंस और कुछ पेपर वर्क के नाम पर 50 हजार रुपये ले लिए गए।
खुद ऑर्डर कैंसल करने पर भी हो रही है ठगी
इसके अलावा सोशल मीडिया पर शॉपिंग लिंक देकर भी लोगों के साथ ठगी की जा रही है। इसमें पहले ऑर्डर कम दाम में बुक किया जाता है। इसके बाद उसे ठग कैंसल कर देते हैं। फिर रिफंड के नाम पर ठगी की जाती है। विजयनगर में एक युवक ने 1 हजार रुपये में पैंट-शर्ट ऑर्डर की थी। बाद में कोरोना काल में डिलिवरी बॉय नहीं होने की बात कहकर कैंसल कर दिया गया। इसके बाद रिफंड देने के नाम पर उससे 1 लाख रुपये ठग लिए गए।
ठगों से ऐसे बचें
- सीओ साइबर सेल ने बताया कि हम थोड़ा भी अलर्ट रहेंगे तो इस प्रकार की ठगी से बचा जा सकता है।
- कोई भी शॉपिंग वेबसाइट अगर कोई स्कीम चला रही होती है तो ऑफिशयली उसके बारे में जानकारी देती है। वेबसाइट के होमपेज पर ही उसका विज्ञापन आता है। अगर शॉपिंग के बाद आपको कोई लकी ड्रॉ के नाम पर कॉल कर रहा है तो सावधान होने की जरूरत है।
- कोई आपके ऑर्डर की जानकारी भी दे तो उसकी बात पर विश्वास न करें। कंपनी की ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं या ट्वीट कर कंपनी से जानकारी मांगें।
- अगर आप ठगों की बात में आ भी गए हैं तो आगे प्रोसेस करने से पहले मेल पर एक बार कम्यूनिकेशन जरूर करें। इस बात का ध्यान रखें कि मेल ऑफिशयल आईडी से आए। कंपनी बाहरी लोगों को ईमेल आईडी नहीं देती।
- अगर कोई बहुत महंगी चीज को बाजार से बहुत कम दाम में देने का दावा करे तो आपको सतर्क होने की जरूरत है।
- गूगल से 10 अंकों का नंबर निकालकर कभी अपनी शिकायत न करें।
- सोशल साइट पर मिलने पर शॉपिंग लिंक से खरीदारी करने से बचें।
- ठगी की घटना के बाद लोकल थाने में शिकायत के साथ cybercrime.gov.in पर भी शिकायत करें।