SC के फैसले के बाद भी ठीक नहीं दिख रहा आंदोलनकारी किसानों का मूड

नई दिल्‍ली सुप्रीम कोर्ट ने नए बनाए गए कृषि कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। साथ ही इस विवाद के समाधान के लिए एक कमिटी भी बनाई है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्‍वागत करते हुए तमाम किसान संगठनों और नेताओं ने इसे आंदोलन की नैतिक जीत बताया है।

भारतीय किसान यूनियन के नेता योगेश प्रताप सिंह ने कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों के अमल पर जो रोक लगाई है वो किसान आंदोलन की नैतिक जीत है। लेकिन जबतक कानूनों को वापस नहीं लिया जाता आंदोलन और संघर्ष जारी रहेगा।’

धरना रहेगा जारी वहीं भारतीय किसान यूनियन, लोकशक्ति के अध्‍यक्ष स्‍वराज सिंह ने धरना जारी रखने की बात कही है। अपने बयान में उन्‍होंने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने जो कृषि कानूनों पर रोक लगाई है, वह किसानों के लिए अच्छा है। आगे का फैसला किसान संगठनों का संयुक्त मोर्चा लेगा। उसी का हम पालन करेंगे, फिलहाल धरना जारी है।’ यह किसान संगठन दलित प्रेरणा स्थल पर कृषि कानूनों के विरोध में धरना दे रहा है।

‘कानून रद्द होगा तभी संतोष’एक अन्‍य किसान नेता जसबीर सिंह ने कहा, ‘हम सुप्रीम कोर्ट के कमिटी बनाए जाने का फैसला तभी स्वागत करेंगे जब कानून रद्द हो जाए। एमएसपी को कानूनी जामा पहनाया जाए। तभी हम अदालत के फैसले से संतुष्ट होंगे। हमारा आंदोलन अभी जारी रहेगा। जब आदेश लिखित तौर पर तभी वो आधिकारिक ऐलान करेंगे।’

सरकार से बातचीत पर जोरकुछ इसी तरह की बात संयुक्‍त किसान मोर्चा की ओर से की गई है। मोर्चा की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘फिलहाल चल रहा किसान आंदोलन जारी रहेगा। हमें इस बात‍ से कोई लेना देना नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट में क्‍या हुआ। हमारी बात सरकार से हो रही है, अगली बातचीत 15 जनवरी को होगी।’

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