वैज्ञानिकों ने धरती से सबसे दूर स्थित ब्लैक होल की खोज कर ली है। यह 13 अरब प्रकाशवर्ष दूर है। ऐरिजोना यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह महाविशाल ब्लैक होल (Supermassive Black Hole) तब पैदा हुआ था जब ब्रह्मांड सिर्फ 67 करोड़ साल पुराना था। यह एक क्वाजर (Quasar) है। SBH का शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण आसपास के मटीरियल को अपनी ओर खींच लेता है जिससे उसके आसपास बेहद गर्म मटीरियल की एक डिस्क पैदा हो जाती है। इससे बड़ी मात्रा में ऊर्जा का उत्सर्जन होता है और क्वाजर पैदा होते हैं।
Supermassive Black Hole: वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड का सबसे पुराना और सबसे दूर स्थित महाविशाल ब्लैक होल मिल गया है। इसके साथ ही पहले की थिअरी पर सवाल खड़ा हो गया है कि ये ब्लैक होल कैसे बनते हैं।
वैज्ञानिकों ने धरती से सबसे दूर स्थित ब्लैक होल की खोज कर ली है। यह 13 अरब प्रकाशवर्ष दूर है। ऐरिजोना यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह महाविशाल ब्लैक होल (Supermassive Black Hole) तब पैदा हुआ था जब ब्रह्मांड सिर्फ 67 करोड़ साल पुराना था। यह एक क्वाजर (Quasar) है। SBH का शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण आसपास के मटीरियल को अपनी ओर खींच लेता है जिससे उसके आसपास बेहद गर्म मटीरियल की एक डिस्क पैदा हो जाती है। इससे बड़ी मात्रा में ऊर्जा का उत्सर्जन होता है और क्वाजर पैदा होते हैं।
कैसा है यह विशाल ब्लैक होल?
J0313-1806 नाम के ब्लैक होल का द्रव्यमान हमारे सूरज से 1.6 अरब गुना ज्यादा है और इसकी चमक हमारी आकाशगंगा से हजार गुना ज्यादा। बिग बैंग के बाद यह तेजी से बढ़ा है। अभी तक माना जाता रहा है कि SBH सितारों के क्लस्टर के मरने से पैदा होते हैं। हालांकि, इस ब्लैक होल की खोज और आकार के साथ अब ऐस्ट्रोनॉमर्स का कहना है कि हो सकता है कि एकदम शुरुआती ठंडी हाइड्रोजन गैस के ढहने से ये बने हों।
कैसे बना होगा यह ब्लैक होल?
स्टडी में पाया गया है कि अगर यह SBH बिग बैंग के सिर्फ 10 करोड़ साल बाद पैदा हुआ है तो इसे तेजी से बढ़ने के लिए हमारे सूरज के 10 हजार गुना द्रव्यमान की शुरू में जरूरत रही होगी। इससे संकेत मिलते हैं कि यह अलग तरह की प्रक्रिया से पैदा हुआ है। स्टडी के रिसर्चर प्रफेसर शिओहुई फैन का कहना है कि ब्रह्मांड की शुरुआती ठंडी हाइड्रोजन के ब्लैक होल की शुरुआत में इससे टकराने से ही यह इतनी तेजी से बढ़ा होगा। इसके लिए पूरे बड़े सितारे की जरूरत नहीं रही होगी। इसे ऑब्जर्व करके उन प्रक्रियाओं को समझा जा सकता है जो ब्रह्मांड के पैदा होने पर तेज थीं लेकिन अब या धीमी हो गई हैं या बंद।
महाविशाल ब्लैक होल का असर
अभी तक के मॉडल से संकेत मिलते हैं कि शायद केंद्र में SBH होने के कारण गैलेक्सी में नए सितारे नहीं बनते हैं। क्वाजर से निकलने वाली ऊर्जा से गैलेक्सी के अंदर की ठंडी गैस खत्म हो जाती है जिससे सितारे बन सकते हैं। रिसर्चर्स का कहना है कि अभी तक यह नहीं पता था कि यह प्रक्रिया कब से चली आ रही थी लेकिन सबसे पुराना ब्लैकहोल मिलने से पता चलता है कि यह काफी पहले से हो रहा है।