WhatsApp की DP देखकर दीवाना हो गया बेनाम आशिक, फिर क्या हुआ?

पटना :
एक अनजान शख्स की DP (जिस फोटो को आप व्हाट्असप में लगाते हैं) देखकर उस महिला का दीवाना हो गया। उससे बेपनाह मोहब्बत करने लगा। उस महिला के बारे में कई तरह के ख्वाब पालने लगा। जब जुनून बर्दाश्त की सीमाओं को तोड़ने लगी तो उसने कॉल कर ही दिया। दोनों के बीच बातें होने लगी। अच्छी बातें होने लगी। मगर महिला और अनजान आशिक की कभी भी मुलाकात नहीं हुई। इश्क कब, कहां, कैसे और किससे हो जाए, कहना मुश्किल है। ये इसकी बानगी है। इश्क जब भी होता है तो हो ही जाता है। आदमी सबकुछ भूल जाता है सबकुछ। इस कहानी के आशिक तो WhatsApp की DP देखकर जान न्योछावर करने लगा था। उसको इससे कोई फर्क नहीं पड़ा कि महिला शादीशुदा है। महिला को भी फर्क नहीं पड़ा कि वो खुद भी किसी की बीवी है।

अनजान इश्क में हत्या की खौफनाक साजिश
अनजान आशिक इस कदर दीवाना हो चुका था कि अपनी महबूबा के लिए जान दे भी सकता था और किसी की जान ले भी सकता था। महिला ने आशिक से अपने पति के बारे में शिकायत की। दीवाने आशिक का खून खौलने लगा। उसने अपनी महबूबा के सुहाग के खिलाफ खौफनाक साजिश रच दी। मिटा देने की कसमें भी खा ली। फिर अंजाम तक पहुंचा भी दिया। इस पूरी साजिश की खबर उसकी महबूबा को थी। क्योंकि उसी के हामी के बाद बेनाम आशिक ने ‘खूनी ख्वाहिश’ को पूरा किया।

कातिल को चाहिए था मोबाइल के दोनों सिम
आज से ठीक 100 दिन पहले यानी 5 अक्टूबर 2020 को इस खूनी कहानी का आगाज हुआ। उस रात दवा कारोबारी और मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (MR) संजय कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई। एक के बाद एक संजय को 5 गोलियां मारी गई। किसी भी हालत में उसकी बीवी का सिरफिरा आशिक उसे जिंदा नहीं छोड़ना चाहता था। इस वारदात को हाजीपुर-पटना रोड पर पानहाट इलाके में अंजाम दिया गया। कातिल ने संजय के मोबाइल से दोनों सिम निकाल लिया। परिवार वाले इस बात से हैरान थे कि आखिर संजय हाजीपुर किस काम से गया था। पुलिस के पास सबूत के तौर पर बस यही था कि मृतक का दोनों सिम उसके मोबाइल में नहीं थे।

…और फिर खुल गई कत्ल की कहानी
गायब मोबाइल सिम को हासिल करने के लिए पुलिस ने नंबर को सर्विलांस पर डाला। सीडीआर को हासिल किया। पता चला कि मर्डर से पहले एक नंबर पर संजय की लगातार बात हो रही थी। पुलिस ने उस नंबर की खोजबीन शुरू की। नंबर के लिए दिया गया नाम-पता गलत निकला। पुलिस को इतना जरूर शक था कि साजिश में कोई न कोई घर का सदस्य जरूर शामिल है। क्योंकि लूटपाट में अपराधी मोबाइल से सिम नहीं बल्कि मोबाइल लेकर जाते। पुलिस को संजय की पत्नी रिंकी कुमारी पर शक हुआ। पुलिस ने रिंकी के मोबाइल के भी सीडीआर को निकलवाया। जांच में पता चला कि हत्या से ठीक पहले जिस नंबर से संजय लगातार बात कर रहा था, उसी नंबर पर पिछले कुछ दिनों से संजय की पत्नी व्हाट्सअप कॉल कर रही थी। पुलिस ने रिंकी को थाने बुलाया और सख्ती से पूछताछ में सबकुछ बेपर्दा हो गया।

पुलिस को ‘अनजान आशिक’ की तलाश
रिंकी ने बताया कि पति से अक्सर उसकी किचकिच होती थी। फिर वो व्हाट्सअप और फेसबुक पर ज्यादा वक्त गुजारने लगी। उसने अपने व्हाट्सअप की डीपी में एक बेहद खूबसूरत फोटो लगा रखी थी। व्हाट्सअप का डीपी देखकर एक अनजान शख्स ने उसकी तारीफ की। उसने फिदा होने की बात भी कही। इसके बाद उस अनजान शख्स से रिंकी की लगातार बातचीत होने लगी। मैसेज और कॉल के जरिए दोनों एक-दूसरे से जुड़े रहे। रिंकी ने पुलिस को बताया कि उसने उस अनजान शख्स के बारे में कई बार जानने की कोशिश की। वीडियो कॉल करने को भी कहा। उसने मना कर दिया। अपना नाम अमित बताया था। पुलिस के मुताबिक संजय की हत्या से पहले उसकी पत्नी रिंकी ने अपने आशिक से अपने पति की हत्या के लिए हामी भरी थी। रिंकी ने ही अपने सिरफिरे आशिक को अपने पति की हत्या के लिए उकसाया था। रिंकी को जेल भेज दिया गया। पुलिस के लिए चुनौती है रहस्य बने अमित को ढूंढना और इस पहेली को सुलझाना कि आखिर संजय का कातिल कौन है और कहां है?

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