टेरर फंडिंग पर पाकिस्तान ने किया कितना काम, FATF का जॉइंट ग्रुप आज करेगा समीक्षा, हटेगी ग्रे लिस्ट की तलवार?

इस्लामाबाद/पेरिस
टेरर फंडिंग के खिलाफ ने कितना काम किया है, फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) का जॉइंट ग्रुप इस बारे में गुरुवार को एक अहम बैठक में समीक्षा करेगा। FATF ने पाकिस्तान को 27 बिंदुओं पर काम करने के लिए कहा था और इस बैठक में यह देखा जाएगा कि पाकिस्तान ने कितने बिंदुओं पर पर्याप्त काम किया है। बैठक में दी जाने वाली सलाह के आधार FATF अगले महीने यह तय करेगा कि पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में ही रखा जाएगा या बदला जाएगा।

द कॉरेस्पॉन्डेंट पाकिस्तान ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि भारत का करीबी सहयोगी भूटान इस बैठक का हिस्सा है। ऐसे में पाकिस्तान को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। यह ग्रुप अपनी रिपोर्ट FATF की इंटरनैशनल कोऑपरेटिंग रिव्यू ग्रुप को सौंपेगा जिसे FATF की बैठक में पेश किया जाएगा। पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखना है या नहीं, FATF इस पर फरवरी के आखिरी हफ्ते में एक बैठक में फैसला किया जाएगा।

ग्रे लिस्ट में बना है पाक
आखिरी बार FATF की बैठक में पाया गया था कि पाकिस्तान ने सिर्फ 21 बिंदुओं पर काम किया था। पाकिस्‍तान अभी ग्रे ल‍िस्‍ट में बना हुआ है लेकिन अगर वह आतंकवाद के वित्‍तपोषण और धनशोधन पर 27 प्‍वाइंट के ऐक्‍शन प्‍लान को पूरा नहीं करता है तो उसे ब्‍लैकलिस्‍ट किया जा सकता है। एफएटीएफ ने पाकिस्‍तान को संयुक्‍त राष्‍ट्र की ओर से आतंकी घोषित किए गए लोगों के खिलाफ ऐक्‍शन लेने के लिए कहा है।

FATF का खौफ क्यों?
पाकिस्तान ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं आता है तो इंटरनैशनल मॉनेटरी फंड (आईएमएफ), विश्व बैंक और यूरोपीय संघ से आर्थिक मदद मिलना मुश्किल होगा जबकि इस वक्त, खासकर कोरोना वायरस के चलते प्रधानमंत्री इमरान खान पहले ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद मांग चुके हैं। इससे जाहिर है उसकी अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ेगा।

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