पिछले साल मंगल ग्रह से गुजरने वाली शक्तिशाली चमक कहां से आई थी? 1.14 करोड़ प्रकाशवर्ष दूर है ठिकाना

जोहैनसबर्ग
पिछले साल अप्रैल में सौर मंडल में एक तेज चमक देखी गई थी। इससे हैरान वैज्ञानिकों ने यह पता लगाने के लिए खोज शुरू की कि आखिर यह ऊर्जा आई कहां से थी। इसका जवाब अब मिल गया है। यूनिवर्सिटी ऑफ जोहैनसबर्ग के रिसर्चर्स की एक टीम का कहना है कि यह विस्फोट 200415A एक मैग्नटार (magnetar) से उत्सर्जित हुआ था। शक्तिशाली मैग्नेटिक फील्ड वाले न्यूट्रॉन स्टार () को मैग्नटार कहते हैं। यह एक स्पाइरल गैलेक्सी में 1.14 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर स्थित है।

इससे पहले 13 साल पहले दिखी
पिछले साल 15 अप्रैल को यह चमक मंगल के पास देखी गई थी। इसे इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन समेत कई सैटलाइट्स ने देखा गया। इसके बाद हमारी आकाशगंगा से बाहर गैलेक्सी NGC 253 में भी इसे खोजा गया। इससे पहले ऐसी ही चमक 13 साल पहले देखी गई थी और इस बार भी यह सिर्फ 140 मिलीसेकंड की ही थी लेकिन इस बार पहले की तुलना में ज्यादा अडवांस्ड ऑर्बिटिंग उपकरण थे जिनकी मदद से जरूरी डेटा जुटाया जा सका।

कैसे पैदा होते हैं GRB?
गामा-रे बर्स्ट्स (GRB) ब्रह्मांड की सबसे चमकदार और ऊर्जापूर्ण घटना मानी जाती हैं। इन्हें सिर्फ तभी डिटेक्ट किया जा सकता है जब ये धरती की ओर सीधी बीम में हों। इनमें से ज्यादातर अरबों प्रकाशवर्ष दूर होती हैं और धरती से देखे जाने पर कुछ मिलिसेकंड तक रहती हैं। वैज्ञानिकों ने पाया है कि सुपरनोवा के दौरान जो GRB पैदा होती हैं वे दो सेकंड से ज्यादा की होती हैं। वहीं, 2017 में पाया गया था कि एक-दूसरे का चक्कर काट रहे दो न्यूट्रॉन स्टार भी छोटी GRB पैदा कर सकते हैं।

कम ही दिखते हैं ऐसे नजारे
यूनिवर्सिटी के प्रफेसर सोइबर का कहना है कि आकाशगंगा में लाखों न्यूट्रॉन स्टार हैं। इनमें से सिर्फ 30 मैग्नटार हैं। ये आम न्यूट्रॉन स्टार के मुकाबले ज्यादा चुंबकीय होते हैं। इनमें से ज्यादातर एक्स-रे उत्सर्जित करते रहते हैं लेकिन सिर्फ कुछ ही ऐसे होते हैं जो विशाल चमक पैदा करते हैं। सबसे तेज 2004 में देखी गई थी। इसके बाद GRB 200415A साल 2020 में देखी गई।

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