कंगना से किताब का फॉरवर्ड लिखवाने के लिए मेल किया, कंगना ने कहानी चुरा ली दरअसल मामला कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन का है, जब लेखक आशीष कौल ने अपनी किताब दिद्दा: द वारियर क्वीन ऑफ कश्मीर के हिंदी वर्जन का फॉरवर्ड लिखने के लिए कंगना को अप्रोच किया। आशीष और उनकी टीम ने यह अप्रोच एक मेल के जरिए किया था। वह कंगना से अपनी किताब का फॉरवर्ड इसलिए लिखवाना चाहते थे क्योंकि कंगना की छवि इस समय देश और दुनिया में एक ऐसी महिला की है, जो लगातार अपने अधिकारों और अपने साथ हुए गलत व्यवहार लड़ती आ रही हैं।
इसे मैं एक इंटेलेक्चुअल चोरी कहूंगानवभारतटाइम्स डॉट कॉम से हुई Exclusive बातचीत में लेखक आशीष कौल ने बताया, ‘कंगना ने मेरी कहानी चुरा ली है, अब इसे मैं क्या कहूं। कंगना की समाज में ऐसी छवि है, जो सच्चाई के साथ रहती हैं, सच का साथ देती हैं, लेकिन यहां तो कंगना ने मेरी कहानी ही चुरा ली है। इस कहानी के मामले में कंगना का यह अंदाज मुझे समझ नहीं आया… इसे मैं एक इंटेलेक्चुअल चोरी कहूंगा।’
कंगना ने कभी भी हमारे मेल का कोई जवाब नहीं दिया ‘कंगना को हमने अपनी कहानी दिद्दा: द वारियर क्वीन ऑफ कश्मीर के हिंदी वर्जन का फॉरवर्ड लिखने के लिए भेजा था, लेकिन उनकी तरफ से कभी कोई जवाब नहीं आया। आज अचानक उन्होंने मेरी कहानी पर अपनी नई फिल्म ” की घोषणा कर दी। कंगना के पास हमारे मेल हैं, हमने ट्विटर पर कई बार अपनी इस किताब के बारे में कंगना को टैग करते हुए ट्वीट भी किया है।’
कहानी चुराकर मेरा शोषण और मेरे अधिकार का हनन कर रही हैं कंगना ‘अपने अधिकारों के लिए लड़ने वाली कंगना क्या मेरे जैसे राइटर के अधिकारों का खुलेआम हनन नहीं कर रही हैं। मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा है, मैं आपसे क्या कहूं। कंगना से इस तरह की चोरी की उम्मीद नहीं थी। इस तरह तो कंगना मेरा शोषण कर रही हैं। आप अगर कंगना को फॉलो करते हैं, तो यह जानते होंगे कि वह पिछले कई सालों से खुद के साथ हुए शोषण, गलत व्यवहार और अपने अधिकारों के लिए लड़ती हैं। देखिए न, आज वह मेरे साथ खुद इतना गलत कर रही हैं मैं यह जानता हूं बॉलिवुड में तमाम राइटर्स के अधिकारों का खूब हनन होता है, यह बॉलिवुड के फिल्म मेकर्स के लिए बहुत आम बात है।’
रिलायंस के साथ चल रही थी इस कहानी पर बड़े बजट की फिल्म बनाने की बात ‘पिछले साल जब कोरोना महामारी शुरू हुई, उसी दौरान मैंने अपनी किताब जिसका नाम दिद्दा द वारियर क्वीन ऑफ कश्मीर है, उसे मैंने एक फिल्म की स्क्रिप्ट की तरह लिखा है। मेरी किताब इस तरह है, जिसे आप जैसी है, उसी तरह उठाकर फिल्म बना सकते हैं। क्योंकि मैंने इस किताब को फिल्म बनाने के उद्देश्य से ही लिखा था। क्योंकि मैंने इस किताब को फिल्म बनाने के उद्देश्य से ही लिखा था। आप चाहें तो रिलायंस एंटरटेनमेंट वालों से बात कर सकते हैं। कोरोना की वजह से हमारी बात आगे नहीं बढ़ी, लेकिन हमने इस कहानी पर फिल्म बनाने को लेकर मीटिंग की है। यह काफी बड़े बजट की फिल्म है, जिसे हम रिलायंस के साथ मिलकर बहुत बड़े कैनवास में बनाने की बात कर रहे हैं।’
मैं कोई नौसिखिया राइटर नहीं‘मैं कोई नौसिखिया राइटर नहीं हूं, जो मेरे साथ यह धोखाधड़ी और शोषण किया जा रहा है। मैं कई बड़े ग्रुप्स और बड़े प्रॉडक्शन हॉउस में बड़े पदों में रहा हूं। मैं जानता हूं कि यहां बॉलिवुड में जो भी नए-नवेले राइटर आते हैं, उनके साथ यही सब होता है। नए राइट्स की कहानियों को पढ़ने के बाद लोग चोरी करते हैं।’
किताब के अंग्रेजी एडिशन का फॉरवर्ड पैरा ऑलम्पियन दीपा मालिक ने लिखा था
‘हमने अपनी किताब दिद्दा: द वारियर क्वीन ऑफ कश्मीर के अंग्रेजी एडिशन का फॉरवर्ड पैरा ऑलम्पियन और तमाम अवॉर्ड्स से सम्मानित दीपा मालिक से लिखवाया था। हिंदी के एडिशन में फॉरवर्ड लिखने के लिए हमने कंगना को अप्रोच किया था। वजह थी कि कंगना लगातार ऐसे मुद्दों को लेकर खबरों में थीं, जिनमें समाज से लोहा लेने की बात थी। दिद्दा भी ऐसी ही वीरांगना रही हैं जो समाज से लोहा लेती रही हैं।’