कारोबारियों की चेतावनी.. वॉट्सऐप के खिलाफ नहीं हुई कार्रवाई तो जाएंगे कोर्ट

नई दिल्लीकारोबारियों ने एक बार फिर लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप (WhatsApp) की नई निजता नीति के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। उनके संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) एक बार फिर केंद्रीय आईटी मंत्री रवि शंकर प्रसाद को पत्र भेजकर वॉट्सऐप, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर कार्रवाई करने की मांग की है। उसका आरोप है कि यह निजता के गंभीर उल्लंघन और भारत के 40 करोड़ से अधिक यूजर्स के विश्वास को खंडित करने का बड़ा अपराध है और इस पर तुरंत कार्रवाई जरूरी है।

कैट ने कहा की कैट की शिकायतों के जवाब में वॉट्सऐप ने मीडिया में विज्ञापन देकर इस मामले पर सफाई देने की कोशिश की है जो आधारहीन है। इसमें कैट द्वारा उठाए गए तथ्यों के विषय में कुछ नहीं कहा गया है। इससे साफ है कि दाल में कुछ काला अवश्य है। उसकी मांग है कि केंद्र सरकार वॉट्सऐप को नई नीति को 8 फरवरी से लागू न करने का निर्देश दे। साथ ही देश में इन तीनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की तत्काल गहन तकनीकी ऑडिट कराई जाए। इन तीनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का स्वामित्व एक कंपनी के पास है। यह देखा जाना जरूरी है की इन तीनों के बीच किस प्रकार डेटा अब तक साझा किया गया है और उसका क्या उपयोग हुआ है।

कोर्ट जाने की चेतावनीकारोबारियों की संस्था ने यह भी मांग की है कि अब तक इन प्लेटफॉर्म्स ने जो डेटा देश के नागरिकों से लिया है वो भारत में ही सुरक्षित है या फिर किसी अन्य देश में चला गया है, यह भी जांच में देखा जाए। डेटा पूरे देश की सुरक्षा, गोपनीयता, स्वतंत्रता और अखंडता से किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार नहीं किया जा सकता। अगर सरकार ने इस पर कार्रवाई नहीं की, तो कैट अदालत का दरवाजा खटखटाएगा।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने इस मुद्दे पर वॉट्सऐप की कड़ी आलोचना करते हुए कहा की देश के लोगों के अधिक से अधिक डेटा प्राप्त करने की मंशा में, वॉट्सऐप 8 फरवरी से अपनी नई गोपनीयता नीति लॉन्च करने के लिए तैयार है। वह जबरन यूजर्स की सहमति प्राप्त कर रहा है जो असंवैधानिक है, कानून का उल्लंघन है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।

पहले भी की थी मांगकारोबारियों की संस्था ने इससे पहले भी 10 जनवरी को सरकार को इस बारे में पत्र लिखा था। आज दोबारा अपने पत्र में कैट ने आरोब लगाया है कि वॉट्सऐप देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों का खुला अतिक्रमण कर रहा है। अपनी नई उपयोगकर्ता नीति को अपडेट करके, वॉट्सऐप ने न केवल किसी व्यक्ति की निजता के अधिकार के बुनियादी सिद्धांतों को चुनौती दी है, बल्कि इसने प्रत्येक नागरिक को बेईमान डिजिटल कंपनियों की झूठी, बेईमानी और चकाचौंध से भरी दुनिया का आदी बना दिया है जिसके कारण लोगों की निजी जिंदगी में भी वॉट्सऐप बड़े पैमाने पर घुस गया है। उसकी नई नीति स्वतंत्रता एवं जीवन के मौलिक अधिकार के साथ-साथ व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर भी एक बड़ा कुठाराघात है।

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