​​​​​​​छत्तीसगढ़ मेंं 86 लाख मैट्रिक टन धान की रिकॉर्ड खरीदी-भूपेश बघेल

दुर्ग/धमधा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज दुर्ग जिले के धमधा ब्लॉक के ग्राम चेटुवा में आयोजित मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज दुर्ग के 75वें वार्षिक अधिवेशन में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर कहा कि राज्य में चालू सीजन में अब तक 86 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है जो अब तक की रिकॉर्ड खरीदी है और अभी एक हफ्ते शेष है। राज्य सरकार की कृषक हितैषी नीतियों से किसान खेती की ओर वापस लौटे हैं, चाहे धान खरीदी का समर्थन मूल्य हो या किसानों की कर्ज माफी हो या कृषि संबंधी सुधार हो, राज्य सरकार की योजनाओं का गहरा असर हुआ है और यह असर इस सीजन में हुई धान खरीदी में साफ-साफ दिखाई दे रहा है।

बारदाने की कमी के बाद भी धान खरीदी

मुख्यमंत्री ने कहा कि बारदानों की कमी के बावजूद भी हमने धान खरीदी रुकने नहीं दी और रिकॉर्ड धान की खरीदी हुई। हमने बार-बार बारदाने भेजने का आग्रह केंद्र से किया लेकिन हमें केवल डेढ़ लाख बारदाने देने का निर्णय लिया गया और इसमें भी 40 हजार बारदाने अभी तक नहीं आ पाए।

सरकार की योजनाओं से किसानों में आर्थिक समृद्धि आई

मुख्यमंत्री ने कहा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से हमने किसानों को संबल प्रदान किया। छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं से किसानों में आर्थिक समृद्धि आई है। किसानों में संतोष है। छत्तीसगढ़ सरकार की नीतियों की वजह से कृषि अर्थव्यवस्था बेहतर हुई है और इसका असर बाजार पर भी दिखा है। इस तरह सरकार की नीतियों से सभी वर्गों का विकास हुआ है। हमने जिंदगी भर खेती-किसानी की है और किसानों की पीड़ा को समझते हैं। किसानों की पीड़ा को समझते हुए हमने निर्णय लिया कि कृषि हित में ठोस निर्णय लेने की जरूरत है। यह बहुत आवश्यक है कि किसानों को उनकी उपज का पर्याप्त मूल्य मिल सके। हमने किसानों की कर्ज माफी का ऐतिहासिक निर्णय लिया जो अब तक का किसी राज्य का कर्जमाफी का सबसे बड़ा निर्णय रहा। चाहे वह छोटा किसान हो या बड़ा किसान, हमने सभी का कर्ज माफ किया जो एक ऐतिहासिक निर्णय था। हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से 4 किश्तों में किसानों को कृषि आदान सहायता राशि प्रदान करने का निर्णय लिया। यह सहायता राशि ऐसे मौकों पर दी गई जो किसानों के लिए सबसे आवश्यक मौके होते थे जिनमें से सबसे पहला मौका होता है जब खेती किसानी की शुरुआत होती है तो किसानों के खाते में 21 मई को राशि भेज दी ताकि वह खेती किसानी की शुरुआत कर सकें। तीसरी किश्त लुवाई के समय दी गई। आखिरी किश्त हम 31 मार्च के पहले देंगे।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने मुरमुंडा स्थित गौठान का निरीक्षण भी किया यहां की व्यवस्था से प्रभावित हुए और उन्होंने कहा कि गौठान को आत्मनिर्भर बनाएं। गौठान के विकास में ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार निर्भर है।

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