जगदलपुर 09 मार्च 2021
बस्तर जिले के ऐतिहासिक जलप्रपात के समीप 9 मार्च से 11 मार्च तक आयोजित तीन दिवसीय चित्रकोट महोत्सव का शुभारंभ उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने किया। हेलीपेड मैदान में आयोजित समारोह में मां दंतेश्वरी की छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन के साथ ही तीन दिवसीय चित्रकोट महोत्सव का शुभारंभ हुआ। इसके साथ ही यहां वाॅलीबाल और कबड्डी प्रतियोगिताओं का शुभारंभ भी किया गया।
उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि मां दंतेश्वरी की कृपा से बस्तर को ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटन के क्षेत्र में पहचान दिलाने में चित्रकोट का विशेष महत्व है। चित्रकोट जलप्रपात अपने सुन्दरता और विशिष्टता के कारण देश और दुनिया में प्रसिद्ध है। उन्होंने चित्रकोट महोत्सव को विशेष पहचान दिलाने तथा इस महोत्सव की ख्याति तथा सांस्कृतिक भव्यता में प्रतिवर्ष वृद्धि के लिए जिला प्रशासन के प्रयासों की भी सराहना की। मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि महोत्सव से बस्तर की संस्कृति का प्रचार-प्रसार होगा। उन्होंने कहा कि बस्तर की संस्कृति के संरक्षण के लिए छत्तीसगढ़ की सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। बस्तरिया स्वभाव से उत्सवप्रेमी होते हैं। साल के आधे समय खेती-बाड़ी जैसे जीविकोपार्जन के कार्य के साथ आधे समय मेला-मंडई में व्यतीत करते हैं। बस्तर के लोगों का यही रहन-सहन उन्हें अधिक खुशहाल बनाता है। बस्तर के लोगों के जीवन को अधिक खुशहाल बनाने के लिए छत्तीसगढ़ की सरकार लोगों के आय को बढ़ाने के लिए भी निरंतर कार्य कर रही है। इसी दिशा में गांवों में स्थापित गोठान अब आजीविकामूलक कार्यों का केन्द्र बन रहे हैं। वनवासियों की आय बढ़ाने के लिए तेंदूपत्ता का दर 2500 रुपए से बढ़ाकर चार हजार रुपए प्रति मानक बोरा किया गया है। हाट-बाजार क्लीनिक योजना से गांव-गांव में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं। इसका लाभ अबुझमाड़ के जंगलों से लेकर बासागुड़ा, जगरगुण्डा जैसे क्षेत्र के ग्रामीणों को भी मिला है। छत्तीसगढ़ की सरकार बस्तर की हर समस्या के समाधान की दिशा में कार्य कर रही है। इसी दिशा में इंद्रावती नदी के संरक्षण और विकास के लिए भी कार्य किया जा रहा है।