छत्तीसगढ़ राज्य प्रवासी श्रमिक नीति 2020 की अधिसूचना जारी

रायपुर, 25 मार्च 2021

राज्य सरकार के श्रम विभाग द्वारा प्रवासी श्रमिकों के हित संरक्षण, कल्याण एवं सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य प्रवासी श्रमिक नीति 2020 तैयार की गई है। श्रम विभाग द्वारा इस संबंध में अधिसूचना 18 मार्च को जारी कर दी गई है। प्रवासी श्रमिकों का पंजीयन कर डाटा बेस तैयार कर उन्हें बेहतर रोजगार की तलाश हेतु सुगम एवं सुरक्षित प्रवास सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न विभाग यथा-राजस्व, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, कौशल विकास प्राधिकरण, रोजगार नियोजन, उद्योग विभाग, स्वास्थ्य, वित्त एवं गृह आदि विभाग समन्वय से श्रम विभाग द्वारा प्रवासी श्रमिकों के लिए नीति बनाई गई है।
छत्तीसगढ़ राज्य प्रवासी श्रमिक नीति 2020
    छत्तीसगढ़ राज्य प्रवासी श्रमिक नीति 2020 की प्रस्तावना में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों व वनोपज से सम्पन्न कृषि प्रधान राज्य है। यहां के निवासियों की आजीविका का आधार कृषि, वनोपज व मजदूरी है। छत्तीसगढ़ में कृषि का स्वरूप एकल फसली होने से लघु एवं सीमांत कृषक व कृषि मजदूर अन्य राज्यों में प्रवास पर जाते हैं।
    छत्तीसगढ़ शासन द्वारा स्थानीय युवाओं के कौशल उन्नयन, कृषि व वन उपज एवं पशुपालन के क्षेत्र में रोजगार सृजन के प्रयास किए जा रहे हैं, परन्तु बेहतर रोजगार एवं अधिक आय की उम्मीद में श्रमिक दूसरे राज्यों में कार्य हेतु प्रवास पर जाते हैं। छत्तीसगढ़ के श्रमिक अन्य राज्यों में ईट निर्माण, भवन निर्माण, सड़क निर्माण, घरेलू कार्य, उद्योग, कृषि आदि क्षेत्र में मजदूरी कार्यों के लिए प्रवास करते हैं, जो कि मौसमी, आकस्मिक अथवा पूर्णकालिक स्वरूप का होता है।
    प्रवासी श्रमिक राष्ट्र निर्माण के महत्वपूर्ण आधार है। प्रवासी श्रमिक की प्रवासित राज्य एवं मूल निवास राज्य के विकास में समुचित भागीदारी होती है, इसके बावजूद प्रवासित राज्य में प्रवासी श्रमिकों को शोषण एवं कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।

लक्ष्य
    छत्तीसगढ़ राज्य प्रवासी श्रमिक नीति 2020 का लक्ष्य समस्त प्रवासी श्रमिकों, संभावित प्रवासी श्रमिकों सर्वेक्षण एवं विश्वसनीय डेटाबेस तैयार करना। प्रवासी श्रमिकों को पहचान पत्र, श्रम पंजीयन, बैंक खाता, आधार कार्ड आदि दस्तावेजों की उपलब्धता सुनिश्चित करना। प्रवासी श्रमिकों के गंतव्य कार्यस्थलों, क्षेत्रों की पहचान कर संबंधित राज्यों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) के माध्यम से कार्यस्थलों पर श्रमिकों के हकों को सुरक्षित करना है। इसी तरह सर्वेक्षित डेटा के आधार पर विश्लेषण कर प्रवासी श्रमिकों के कल्याण हेतु कार्ययोजना तैयार करना। प्रवासी मजदूरों के लिए पात्रता के आधार पर राज्य व राज्य के बाहर शासकीय योजनाओं के अंतर्गत लाभ उपलब्ध कराना भी इस नीति का लक्ष्य है।
प्रवासी श्रमिक से आशय
    छत्तीसगढ़ राज्य प्रवासी श्रमिक नीति 2020 में स्पष्ट किया गया है कि प्रवासी श्रमिक का आशय ऐसा श्रमिक जो कार्य के लिए अपने निवास स्थान से अंतर्राज्य या अंतःराज्य में स्वेच्छा या किसी ठेकेदार, एजेंट के माध्यम से परिवार का एक सदस्य या सम्पूर्ण परिवार या एक से अधिक सदस्य प्रवास करते हैं। उक्त प्रवास मौसमी, स्थायी या अस्थायी प्रकृति का हो सकता है।

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