रायपुर, 11 अप्रैल 2021
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लोकवाणी की 17वीं कड़ी में कहा कि छत्तीसगढ़ का बजट न्याय की अवधारणा को आगे बढ़ाने वाला है। इसमें कोरोना काल के सबक ग्लोबल इंसानियत तथा लोकल संसाधनों से स्थानीय लोगों के सशक्तीकरण पर जोर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना का उद्देश्य प्रदेश में विभिन्न फसल लेने वाले किसान भाइयों को किसी न किसी तरीके से सशक्त बनाना है। पहले साल हमने 2500 रूपए प्रति क्विंटल की दर से धान का भुगतान किया। दूसरे साल समर्थन मूल्य पर खरीदी के नियम के अनुसार समर्थन मूल्य का भुगतान किया और राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से धान, मक्का, गन्ना आदि फसल लेने वाले लगभग 19 लाख किसानों को 5 हजार 628 करोड़ का भुगतान किया गया। इस साल हमने 20 लाख 53 हजार किसानों से 92 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की है, जो प्रदेश के इतिहास में धान खरीदी का सबसे बड़ा कीर्तिमान है।
चिराग योजना के तहत 7 आदिवासी बहुल जिलों और मुंगेली जिले के 14 विकासखण्डों में पोषण सुरक्षा व किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए 150 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान रखा गया है। किसानों की जेब में जो पैसा डाला जा रहा है, वह उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलम्बन और खुशहाली में लगे। इस तरह किसानों की आय बढ़ाने, खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए हमारी सरकार कृत-संकल्पित है।
मुख्यमंत्री ने बीजापुर में नक्सली हिंसा में शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री ने बीजापुर में नक्सली हिंसा में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि यह घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इस घटना में सीआरपीएफ तथा राज्य पुलिस बल के हमारे साथी हताहत हुए हैं। जिन वीर जवानों की शहादत हुई है, उन्हें मैं अपनी ओर से तथा राज्य की 2 करोड़ 80 लाख जनता की ओर से सादर श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं। हमारे सुरक्षा बल के जवान बहुत ही बहादुरी के साथ नक्सलवादियों से लड़े और वीर गति को प्राप्त हुए। हमारा संकल्प है कि इन अमर शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
वैश्विक महामारी से निपटने संयम, धीरज, सावधानी तथा कड़े सुरक्षा उपायों की जरूरत
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना या कोविड-19 की दूसरी लहर के देश-दुनिया और प्रदेश में बढ़ते प्रकोप के विषय में मेरा मानना है कि इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए हमें बहुत संयम, धीरज, सावधानी तथा कड़े सुरक्षा उपायों की जरूरत है। राज्य सरकार द्वारा स्थिति का मुकाबला करने के लिए जांच, उपचार, टीकाकरण तथा जागरूकता अभियान चलाने जैसी सारी व्यवस्थाएं की गई हैं। सावधानी बरतने में कोताही करने से न सिर्फ व्यक्ति बल्कि उसका परिवार और उसके संपर्क में आने वाले अनेक लोग कोरोना संक्रमण का शिकार हो जाते हैं।
आदिवासी समाज सहित परंपरागत वन निवासियों को भी उनके अधिकार दिलाने का सिलसिला शुरू
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर में बदलाव की सबसे बड़ी जरूरत वहां के लोगों के स्वाभिमान को वापस लौटाने व स्वावलम्बन दिलाने की थी। आदिवासी समाज की जिंदगी को समझने की थी। सारे संसाधन उनके आसपास होते हुए भी उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था। जिसकी शुरूआत हमने की। दो साल पहले तक मात्र 7 लघु वनोपजों की खरीदी समर्थन मूल्य पर होती थी। हमने उसे बढ़ाकर 52 तक पहुंचा दिया। चालू सीजन के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 112 करोड़ की लागत के 4 लाख 74 हजार क्विंटल लघु वनोपज का संग्रहण किया गया है। ट्राईफेड नई दिल्ली द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लघु वनोपज क्रय करने वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ का प्रथम स्थान है।
नए बजट में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना का प्रावधान
शहरी क्षेत्रों में पौनी-पसारी योजना की तर्ज पर एक कदम और आगे बढ़ते हुए अब ग्रामीण क्षेत्रों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना का प्रावधान नए बजट में किया गया है। छत्तीसगढ़ के स्थानीय कृषि उत्पादों विविध वनोपज, वनोपज से निर्मित उत्पाद, शिल्प तथा छत्तीसगढ़ी व्यंजनों जैसी सभी सामग्रियों को एक ही छत के नीचे विपणन की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके लिए राज्य एवं राज्य के बाहर सी-मार्ट स्टोर की स्थापना की जाएगी, जो विशिष्ट छत्तीसगढ़ी ब्राण्ड के रूप में मशहूर होंगे।
कौशल्या मातृत्व योजना का लाभ 24 हजार प्रसूता बहनों को मिलेगा
मुख्यमंत्री ने कौशल्या मातृत्व योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सामाजिक एवं आर्थिक जनगणना में जो भी पात्र हितग्राही हैं, उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा। हमने यह देखा कि प्रथम संतान यदि बेटा-बेटी हो तो उसके लिए तो योजना है। लेकिन दूसरी संतान बेटी होने पर ऐसी कोई योजना नहीं थी, जिससे बेटियों के जन्म को प्रोत्साहन मिले। इस योजना से करीब एक वर्ष में 24 हजार प्रसूता बहनों को लाभ मिलेगा।
कांकेर, कोरबा और महासमुन्द में नए मेडिकल कॉलेज और चंदूलाल चन्द्राकर मेडिकल कॉलेज दुर्ग का होगा शासकीयकरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा पूरा जोर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य केन्द्रों के उन्नयन पर है। वहां आधुनिक सुविधाओं के विकास पर है। सरकारी क्षेत्र में हम 4 मेडिकल कॉलेज ला रहे हैं। तीन मेडिकल कॉलेज कांकेर, कोरबा और महासमुन्द में नए खुलेंगे तो चंदूलाल चन्द्राकर मेडिकल कॉलेज दुर्ग का शासकीयकरण किया जाएगा। रामानुजगंज में 100 बिस्तर, नवा रायपुर में 50 बिस्तर, ग्राम सन्ना (जिला-जशपुर), शिवरीनारायण (जिला जांजगीर-चांपा) रिसाली (जिला दुर्ग) में 30-30 बिस्तर के अस्पताल खोलने तथा 37 स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्माण का प्रावधान भी किया गया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, दाई-दीदी मोबाइल क्लीनिक योजना, हमर लैब योजना आदि के माध्यम से हम जन-जन तक चिकित्सा सेवाएं पहुंचा रहे हैं।
जल-जीवन मिशन के माध्यम से 45 लाख 48 हजार ग्रामीण घरों में दिए जाएंगे नल कनेक्शन
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सजावटी और दिखावटी अधोसंरचनाओं पर विश्वास नहीं करते बल्कि सुविधा विहीन अंचल का अभाव जल्दी से जल्दी दूर करने पर विश्वास करते है। जवाहर सेतु योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री धरसा विकास योजना के साथ ही राम वन गमन परिपथ का विकास, नदी तट वृक्षारोपण, विवेकानंद गुरूकुल उन्नयन योजना, सड़क सुरक्षा निर्माण योजना आदि के लिए हमने बजट प्रावधान रखा है। जल-जीवन मिशन के माध्यम से 45 लाख 48 हजार ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन, नगरीय क्षेत्रों में जल आवर्धन योजना, मिनीमाता अमृतधारा नल योजना के माध्यम से गौठानों में नलकूप खनन के लिए पर्याप्त प्रावधान रखा गया है। 5 वर्षों में सिंचाई क्षमता दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है। नए औद्योगिक क्षेत्रों के विकास, स्काडा योजना, शहरी विद्युतीकरण योजना, मुख्यमंत्री मजरा टोला विद्युतीकरण योजना के लिए पर्याप्त प्रावधान रखा गया है। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द प्रदेश में सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी अधोसंरचना हर क्षेत्र के निवासियों को उपलब्ध हो जाए। प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी अधोसंरचना, ऑनलाइन सेवाओं के विकास के लिए बहुत से कदम उठाए जा रहे हैं। इनके लिए बजट प्रावधान भी किया गया है।