रायपुर, 03 मई 2021
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर प्रदेश में वर्तमान में 9 अप्रैल से 6 मई की सुबह तक कंटैनमेंट जोन घोषित होने के कारण राज्य के लघु और मध्यम व्यवसायियों की परेशानियों को देखते हुए उन्हें वांछित राहत प्रदान करने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज के अनुरोध पर केन्द्र सरकार से मांग की है कि व्यवसायियों द्वारा विभिन्न प्रकार की विवरणियों को प्रस्तुत करने की अप्रैल एवं मई माह की तिथियों को दो माह के लिए बढ़ाया जाए साथ ही व्यवसाय संचालन हेतु लिए गए ऋण के मूलधन और ब्याज की किश्तों के भुगतान की समय-सीमा को कम से कम 3 माह की स्थगन अवधि प्रदान करने पर विचार किया जाए
महामारी की दूसरी और अधिक घातक लहर को रोकने के अंतिम प्रभावी कदम के रूप में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर सहित लगभग सभी जिलों में दिनांक 9 अप्रैल से प्रारंभ कर 6 मई की सुबह तक पूर्ण कटेनमेंट जोन घोषित किये जाने के कारण राज्य में आर्थिक गतिविधियां एवं व्यापार-व्यवसाय लगभग बंद है। इससे राज्य में लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यवसायियों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने इस आर्थिक परेशानी में उनकी सहायता के उद्देश्य से कुछ फौरी राहतों की मांगों का पत्र में उल्लेख किया है।
मुख्यमंत्री ने लिखा है कि -अप्रैल माह वित्तीय वर्ष 2021-22 का प्रथम माह होने के कारण टीडीएस एवं टीसीएस एक्ट में कई अनुपालनों की तिथियां निर्धारित है। व्यवसायियों के खातों का मिलान कर विभिन्न प्रकार की विवरणियों को निर्धारित समय-सीमा में प्रस्तुत कर पाना संभव नहीं हो पा रहा है। व्यापारियों के कर्मचारी जैसे- एकाउंटेंट, डाटा एंट्री ऑपरेटर, प्रबंधन स्टाफ सभी कोविड से संक्रमित होने के कारण या तो होम आइसोलेशन में है अथवा अस्पताल में हैं। व्यवसायियों के विभिन्न कर सलाहकार भी इस महामारी से संक्रमित होने के कारण अपनी सेवाएं नहीं दे पा रहे हैं। चैम्बर द्वारा अनुरोध किया गया है कि अप्रैल एवं मई माह की विभिन्न तिथियों को आगामी 2 माह के लिये बढ़ाया जाए।
राज्य में व्यापार के लगभग बंद होने जैसी स्थिति के कारण नकदी प्रवाह बुरी तरह प्रभावित हुआ है। स्थिति में सुधार में लगने वाले संभावित समय को ध्यान में रखते हुए व्यवसायियों के द्वारा विभिन्न बैंकों व वित्तीय संस्थाओं से लिये गये ऋण के भुगतान में कठिनाई हो रही है। व्यापारियों के व्यवसाय हेतु लिये गये ऋण की किश्तों के भुगतान की समय-सीमा में कम से कम 3 माह की स्थगन अवधि प्रदान किये जाने पर विचार किया जाए।
राज्य के चैम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा की गयी उपरोक्त दोनों मांंगों पर राज्य के लघु एवं मध्यम व्यवसायियों की परेशानियों को दृष्टिगत रखते हुए गंभीरता से एवं सहानुभूतिपूर्वक विचार कर शीघ्र सकारात्मक कदम उठाये जाने का आग्रह किया गया है। यह उपाय चालू वित्तीय वर्ष में राज्य के व्यवसायियों को वांछित राहत प्रदान करने में काफी सहायक होंगे।