रायपुर : कोरोना संकट के चलते छत्तीसगढ़ के कई जिलों में लॉक डाउन लगाया गया था जिसके बाद अब धीरे धीरे अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है. हालाँकि लॉकडाउन के दौरान शराब के शौकीनों के लिए शराब की होम डिलीवरी शुरू की गई है. शराब दुकानें बंद होने के चलते बड़ी संख्या में शराब के शौक़ीन ऑनलाइन शराब आर्डर कर रहे हैं. इसी बीच अब होम डिलीवरी के अलावा शराब दुकान से भी ओटीपी दिखाकर शराब लेने का नियम बन गया है. शराब के होम डिलीवरी के लिए 118 रूपये का चार्ज लिया जा रहा है वहीँ शराब दुकान से ओटीपी दिखाकर शराब लेने के लिए 25 रूपये का चार्ज लिया जा रहा है.
ऐसे में साफ है की आपको शराब दुकान जाकर भी अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी जो साफ करता है कि ये एक तरह से प्रत्यक्ष लूट है . जानकारों की माने तो होम डिलीवरी के बदले पैसा लेने का कारण समझ आता है लेकिन खुद शराब दुकान जाकर शराब लेने के बाद भी चार्ज काटने का कारण समझ नहीं आ रहा है. वहीं अलग अलग तरह के चार्ज लेने के का किसी तरह का बिल भी नहीं दिया जाता है, एप्प में ही इसकी जानकारी होती. ऐसे में सवाल ये है कि आखिर जो अतिरिक्त पैसा लिया जा रहा है वो किसके खाते में जा रहा है.
वहीं ऑनलाइन शराब आर्डर करने के बाद पैसे कट जाते है और ओटीपी आ जाता है तो व्यक्ति शराब लेने जाता है तो उसे कहा जाता है कि जो ब्रांड की शराब उन्होंने आर्डर की है वो नहीं है ऐसे में उन्हें कोई लोकल ब्रांड लेने को कहा जाता है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब उस ब्रांड की शराब ही नहीं है तो उसका पैसा क्यों काटा जाता है और उसके बाद लोकल ब्रांड लेने के लिए क्यों कहा जाता है.