तीसरी लहर की तैयारी: बच्चो में खतरा बढ़ सकता, इसलिए राजधानी में बच्चों के लिए 500 बेड, हर जिला अस्पताल में 20 बेड के आईसीयू

रायपुर। तीसरी लहर में बच्चों पर ज्यादा संक्रमण की आशंका, प्रदेश में 0-14 साल के आयुवर्ग में 46 लाख से अधिक बच्चे हैं। 14-18 के किशोरों की संख्या भी 40 लाख से अधिक है।
कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों में संक्रमण के मामले अधिक होने की आशंका के मद्देनजर हेल्थ विभाग ने हर जिले के जिला अस्पताल में 20 बिस्तरों वाले पीआईसीयू और एनआईसीयू का सेटअप बनाने की तैयारी कर दी है। राजधानी रायपुर में अलग-अलग कोरोना अस्पतालों में बच्चों के लिए 500 बिस्तरों की व्यवस्था की जा रही है। ये प्रदेश में किसी भी शहर में सबसे बड़ी व्यवस्था होगी।

तीसरी लहर में बच्चों पर ज्यादा संक्रमण की आशंका को देखते हुए राजधानी समेत पूरे प्रदेश में तैयारी जोर पकड़ रही है। प्रदेश में 0-14 साल के आयुवर्ग में 46 लाख से अधिक बच्चे हैं। 14-18 के किशोरों की संख्या भी 40 लाख से अधिक है। इस लिहाज से देंखे तो प्रदेश में करीब 1 करोड़ से ज्यादा बच्चों को कोरोना की तीसरी लहर से बचाने के लिए तैयारियां की जा रही है।

इस समय प्रदेश के 6 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में बड़े बच्चों के लिए 20-20 पीडियाट्रिक आईसीयू के सेटअप में करीब 120 बिस्तरों की व्यवस्था है। जबकि 20 जिलों में 10-10 बिस्तरों वाले एचडीयू में बच्चों के लिए 200 बिस्तरों का सेटअप है। नवजात बच्चों की केयर के लिए 23 जिलों में 10-10 बिस्तरों वाले एनआईसीयू में 230 बेड अभी मौजूद हैं।

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