रायपुर/नई दिल्ली । भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के अनुसार मानसून की उत्तरी सीमा और पूर्व से लगातार गुजर रही है। दक्षिण-पश्चिम मानसून के अगले 24 घंटों में दक्षिण अरब सागर के बाकी हिस्सों, मध्य अरब सागर के कुछ हिस्सों, केरल व लक्षद्वीप के बाकी हिस्सों, तमिलनाडु व पुडुचेरी के कुछ व हिस्सों, तटीय व दक्षिण भीतरी कर्नाटक के कुछ हिस्सों, रायलसीमा व दक्षिण और मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ने की संभावना है।
पश्चिमी विक्षोभ मध्य और ऊपरी क्षोभमंडल में एक कम दबाव के क्षेत्र के रूप में समुद्र तल से 7.6 किलोमीटर ऊपर अपनी धुरी के साथ अब अक्षांश 28°उत्तर के उत्तर में लगभग देशांतर 74°पूर्व के साथ चल रहा है। एक चक्रवाती परिसंचरण मध्य पाकिस्तान और इसके आस-पास के क्षेत्र पर बना है और औसत समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊपर तक स्थित है। एक चक्रवाती परिसंचरण उत्तरी छत्तीसगढ़ और इसके आस-पास के क्षेत्र पर बना है और औसत समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊपर तक स्थित है।
एक चक्रवाती परिसंचरण कर्नाटक तट से दूर पूर्व-मध्य अरब सागर पर बना है और औसत समुद्र तल से 3.1 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है। कर्नाटक केरल के तटों से दूर समुद्र तल पर एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है।
एक चक्रवाती परिसंचरण तंत्र भूमध्यरेखीय हिंद महासागर और दक्षिणी बंगाल की खाड़ी के आस-पास के मध्य हिस्सों पर बना है और औसत समुद्र तल से 3.1 किलोमीटर से 4.5 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है।