दिल्ली। साल का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को लगने जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार 10 जून को ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि है। दरसल यह इस साल का पहला सूर्य ग्रहण है जो 10 जून को अमावस्या के दिन लग रहा है। इस दिन शनि जयंती और वट सावित्री व्रत भी हैं। यह ग्रहण वृषभ राशि और मृगशिरा नक्षत्र में लग रहा है। इसलिए इस ग्रहण का प्रभाव विभिन्न राशियों पर भी होगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। इसलिए वट सावित्री व्रत और शनि जयंती पर्व भी मनाए जा सकेंगे। दरअसल जो ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देता, उसका सूतक काल मान्य नहीं माना जाता।
भारत के कुछ हिस्सों में यह आंशिक तौर पर दिखेगा, वहीं रूस, कनाडा, ग्रीनलैंड में यह दिखाई देगा। ग्रीनलैंड के लोग तो रिंग ऑफ फायर का नजारा भी देख सकेंगे। यह यूटीसी 8.12.20 बजे शुरू होगा और 13.11.19 बजे खत्म होगा।
आपको बता दें कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वट सावित्री का व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और संतान प्राप्ति के लिए रखती हैं। इस पावन दिन शनि देव का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है। आमतौर पर सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल मान्य हो जाता है, जिस वजह से मंदिर में पूजा- पाठ नहीं कर सकते हैं। सूतक काल के दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। इस साल लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा जिस वजह से सूतक काल मान्य नहीं है