रायपुर। छत्तीगसढ़ में 500 से ज्यादा लाेगों की अस्थियां अपनों का इंतजार करते करते दुर्गति को प्राप्त हो गईं। रायपुर में 150 लोगों की अस्थियों को गड्ढे में दफन करना पड़ा तो भिलाई में लॉकर में रखे कलश अभी भी अपनों का इंतजार कर रहे हैं। वहीं जगदलपुर, कोंडागांव, गरियाबंद में भी 100 से ज्यादा अस्थियों को लेने उनके परिजन नहीं पहुंचे। श्मशान के कर्मचारी कई दिनों तक परिजनों का इंतजार करते रहे। मजबूरन रायपुर निगम को बूढ़ातालाब स्थित श्मशान घाट में गड्ढा खोदकर अस्थियों को दफनाना पड़ा।
सुविधा अनुसार दफनाया गया लगभग 4 हजार लोगों का अंतिम संस्कार निगम द्वारा किया गया है। जिस केस में अस्थियां लेने परिजन नहीं आ सके, उस स्थिति में निगम कर्मी ने अग्नि देने के बाद अवशेष को विसर्जित किया व सुविधा अनुसार श्मशान में गड्ढे खोदकर अस्थियों को दफनाया गया। – पुलक भट्टाचार्य, अपर आयुक्त, नगर निगम भिलाई में 55 कलशों को मुक्ति का इंतजार भिलाई के राम नगर मुक्तिधाम में 1 मार्च से लेकर 11 जून तक करीब 400 अस्थियों को रखा गया था। इसमें से करीब 55 अस्थियां ही वर्तमान समय में मुक्तिधाम में रखी है। इन्हें लंबे समय से कोई लेने नहीं आया। इन्हें मुक्ति का इंतजार है। भिलाई के रामनगर स्थित मुक्तिधाम में अस्थियों को सुरक्षित रखने की व्यवस्था बनाई गई है। मुक्तिधाम में एक कमरा अस्थियों को रखने के लिए ही बनाया गया है। इस कमरे में चार आलमारी रखी हुई हैं। इन आलमारियों में अस्थियों को उनके परिजनों के नाम और नंबर के साथ सुरक्षित रखा जाता है, वह भी नि:शुल्क