रायपुर। रायपुर जिले के खरोरा क्षेत्र के ग्राम फरहदा में दस साल पहले लेखराम सेन की हुई हत्या का राजफाश शुक्रवार को हो गया। पुलिस ने मामले में दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपितों ने अवैध संबंध छिपाने के लिए लेखराम की बेल्ट से गला घोंटकर हत्या की थी। कुछ दिन पहले एक आरोपित ने ढाबे में बातों ही बातों में दूसरे के सामने यह राज उगल दिया था। पुलिस को यहीं से अंधे कत्ल का सुराग मिला।
एएसपी ग्रामीण तारकेश्वर पटेल ने बताया कि कोसरंगी गांव निवासी सैलून दुकानदार लेखराम सेन 14 जनवरी 2011 की रात में फरहदा गांव में आर्केस्ट्रा देखने गया था। दूसरे दिन सुबह झाडूराम सतनामी के खेत में उसकी लाश पड़ी मिली थी। सिर, चेहरे में चोट के निशान थे। बेटे तोषनलाल सेन की शिकायत पर खरोरा पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया था। काफी हाथ-पांव मारने के बाद भी पुलिस को हत्याकांड का कोई सुराग नहीं मिलने से केस लंबित पड़ा रहा।एसएसपी अजय यादव के निर्देश पर हत्या के इस लंबित प्रकरण की फाइल फिर से खोली गई। सीएसपी विधानसभा राहुल देव शर्मा केस डायरी का बारिकी से अध्ययन कर खरोरा थाना प्रभारी नितेश सिंह ठाकुर के नेतृत्तव में विशेष जांच टीम बनाई। जांच टीम ने मृतक के स्वजनों के साथ ही घटनास्थल के आस-पास के लोगों से विस्तृत पूछताछ की। इसी दौरान पता चला कि मंदिर हसौद इलाके के ग्राम जरौद निवासी संतोष यादव उर्फ घनश्याम उर्फ आमला ने कुछ दिनों पूर्व फरहदा के ढ़ाबे में एक व्यक्ति को लेखराम सेन की हत्या करने की जानकारी दी थी।
घटना के बिंदुओं की कड़ी दर कड़ी जोड़ते हुए पुलिस ने संदेही संतोष यादव (30) को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की, तो उसने बताया कि दस साल पहले अपने ननिहाल गांव फरहदा में रहने के दौरान वह रात के समय अपनी एक प्रेमिका से मिलने खेत गया था। इसी बीच लेखराम सेन ने वहां से गुजरते समय देख लिया था।
प्रेमिका के भाग जाने पर लेखराम ने संतोष व रखवाली कर रहे जरौद गांव के ही उसके साथी लोकेश यादव (32) को फटकार लगाते हुए कहा था कि तुम्हारी हरकत को गांव वालों को बता दूंगा। इस बात से नाराज होकर दोनों ने मिलकर मारपीट करते हुए लेखराम की बेल्ट से गला दबाकर हत्या कर दी थी और बेल्ट को नहर में फेंक कर फरार हो गए थे।
दस साल पूर्व हुए अंधे कत्ल का पर्दाफाश, 2 आरोपी गिरफ्तार
