जीपी सिंह को छापे की खबर लग चुकी थी, छापे से ठीक पहले कुछ करीबियों के पास भेजा करोड़ों का माल

रायपुर। जीपी सिंह के रायपुर, राजनांदगांव, ओडिशा के 15 ठिकानों पर जारी एंटी करप्शन ब्यूरो की रेड खत्म हो गई है। दावा है कि अवैध ढंग से कमाई गई 10 करोड़ की प्रॉपर्टी के सबूत मिले हैं। शनिवार की रात इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि आधी रात के अंधेरे में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम आईपीएस को किसी सेफ जगह ले जा सकती है पूछताछ के लिए। इस चर्चा को तब और हवा मिली जब अचानक 4 सफेद स्कॉर्पियो गाड़ियों में खाकी वर्दी में डेढ़ दर्जन पुलिस जवान और 4 इंस्पेक्टर की टीम ने अपने ही एडीजी का बंगला घेर लिया। हालांकि अब तक जीपी सिंह को न ही हिरासत में लिया गया ना ही पूछताछ के लिए किसी और जगह ले जाया गया।

एंटी करप्शन ब्यूरो की गाड़ियों का काफिला जैसे ही पुलिस लाइन पेंशन बाड़ा स्थित जीपी सिंह के घर से हटा। कुछ देर बाद बाइक पर सिविल ड्रेस में पुलिस के कुछ जवान बंगले के चारों तरफ मंडराने लगे। रात करीब 10 बजे थानों के इंस्पेक्टर और उनके साथ कुछ वर्दीधारी जवान कारों में पहुंचे। चार टीमों में बंटकर बंगले के पीछे, बंगले के सामने और दाएं-बाएं निगरानी कर रहे थे।

करीब रात 11 बजे तक पुलिस लाइन से दो लेडी कॉन्स्टेबल सहित डेढ़ दर्जन वर्दी वाले जवानों को बुलवाया गया। सभी को एक इंस्पेक्टर ने बंगले पर नजर रखने, बाहर से आने वाले और यहां से बाहर जाने वालों को रोकने कहा। रातभर हर एक्टिविटी पर नजर रखी गई। रविवार की सुबह इस टीम की ड्यूटी बदल निगरानी जारी रही।

रायपुर के सिविल लाइंस स्थित कंट्रोल रूम में इंटेलिजेंस से जुड़े अफसरों की गाड़ियां भी नजर आईं। सूत्रों ने बताया कि आला अफसर इस पूरे मामले को लेकर बैठक कर रहे हैं। दूसरी तरफ एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम भले ही रात के वक्त जीपी सिंह के बंगले से लौट गई थी। मगर इनके ठिकानों से मिले दस्तावेज और कंप्यूटर्स मोबाइल फोन की जांच की जा रही है। एंटी करप्शन ब्यूरो की तरफ से आधिकारिक तौर पर कहा गया है कि इस केस में अवैध कमाई के और खुलासे हो सकते हैं।

एंटी करप्शन ब्यूरो की जांच टीम के अफसरों ने शनिवार देर रात आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि छापे से ठीक पहले अपने कुछ करीबियों के पास करोड़ों का माल जीपी सिंह ने भेजा था। इससे ये साफ है कि जीपी सिंह को छापे की खबर लग चुकी थी। एसबीआई सेजबहार शाखा के ब्रांच मैनेजर मणि भूषण जीपी सिंह के बेहद करीबी व्यक्ति हैं। इनके भगत सिंह चौक स्थित अपार्टमेंट की तलाशी लेने पर कुछ दस्तावेज और 1 करोड़ की 2 किलो सोने की पट्टियां मिली। पूछताछ में मणि भूषण ने बताया कि हाल ही में जीपी सिंह ने उन्हें कुछ दिनों के लिए रखने को कहा था।

कारोबारी प्रीतपाल सिंह चंडोक के बेडरूम से 13 लाख रुपए के बंडल मिले। पूछताछ में प्रीतपाल सिंह ने कहा कि 30 जून की रात यह रकम आनन-फानन में इनके घर लाई गई है। इस बात की भी पुष्टि हुई कि ये पैसे जीपी सिंह के ही हैं। जीपी सिंह के घर छापा 1 जुलाई की सुबह पड़ा था। इसके अलावा 2 जुलाई शुक्रवार को जारी की गई जानकारी में ये भी बताया गया कि जीपी सिंह के घर पर लगे सीसीटीवी का डीव्हीआर गायब है। जो अब तक नहीं मिला है।


राजनांदगांव में चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश बाफना के ऑफिस से जीपी सिंह की पत्नी और बेटों के नाम 79 बीमा दस्तावेज।
एक से अधिक एचयूएफ अकाउंट जिनमें 64 लाख रुपए हैं।
जीपी सिंह और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर 17 बैंक खाते जिनमें 60 लाख जमा हैं।
एक से अधिक पीपीएफ अकाउंट जिनमें 10 लाख रुपए हैं।
मल्टीनेशनल कंपनियों में एक करोड़ से अधिक की राशि जमा की गई है।
जीपी सिंह की पत्नी और बेटे के नाम पर डाकघर में 29 अकाउंट हैं जिनमें 20 लाख रुपए से अधिक की राशि जमा है।
जीपी सिंह के परिवार ने 69 बार शेयर और म्युचुअल फंड्स में बड़ी राशि 3 करोड़ का इंवेस्टमेंट किया।
जीपी सिंह और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर हाईवा, जेसीबी, कंक्रीट मिक्सचर जैसी 65 लाख की गाड़ियां खरीदी गई हैं।
जीपी सिंह के नाम पर दो प्लॉट एक फ्लैट, उनकी पत्नी के नाम पर दो मकान, मां के नाम पर 5 प्लॉट एक मकान, पिता के नाम पर 10 प्लॉट, 2 फ्लैट मिले हैं।
लगभग 49 लाख के डेढ़ दर्जन से अधिक लैपटॉप, कंप्यूटर, आईपैड और महंगे मोबाइल फोन मिले हैं।

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