रायपुर।छत्तीसगढ़ में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा बना हुआ है। दूसरी लहर में दुर्ग जिले को राज्य का सबसे खतरनाक हॉटस्पॉट माना जा रहा था ! तीसरी लहर की आहट के बीच एक बार फिर कोरोना संंक्रमण का खतरा दुर्ग जिले में बढ़ने लगा है। यहां पिछले एक महीने के अंदर ही अब तक 357 कोरोना मरीज मिले हैं। वहीं पिछले 2 दिनों के अंदर ही 81 लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। इसी वजह से प्रशासन ने एक महीने के अंदर 10 कंटेनमेंट जोन बनाए हैं। इसी एक महीने के अंदर 4 लोगों की मौत भी हुई है। जबकि पिछले एक महीने के अंदर हेल्थ डिपार्टमेंट ने 75 हजार 459 टेस्टिंग की है।
लोगों की गलतफहमी
कुछ दिनों से यहां लोगों को ऐसा लगा रहा था कि कोरोना ख्तम हो रहा है। लेकिन एक अगस्त को 70 मरीजों के एक साथ कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। वहीं एक दिन पहले यानि 31 जलाई को जिले में सिर्फ एक ही मरीज मिला था। लेकिन एक अगस्त को 70, फिर 2 अगस्त को 11 मरीज मिलने के बाद प्रशासन सख्ती बढ़ा रहा है। इस बीच 2 असस्त से स्कूल भी खोल दिए गए हैंं। जिले में कोरोना वैक्सीनेशन की रफ्तार भी धीमी है।
दुर्ग दूसरी हमें भी था सबसे खतरनाक जिला
एक रिपोर्ट के अनुसार संक्रमण के सबसे अधिक मामले भिलाई व दुर्ग के शहरी क्षेत्र में मिल रहे हैं। एक अगस्त को पॉजिटिव आए 70 मरीजों में से दुर्ग क्षेत्र में17, भिलाई में 18,भिलाई में 18, पाटन में 14, निकुम में 2, रिसाली में 3 चरोदा में 2 और धमधा में 2 लोग संक्रमित मिले थे। हालांकि ये संख्या उस समय की मरीजों की संख्या से कम है, जब दूसरी लहर के दौरान गेट वे बन चुके दुर्ग में बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मिल रहे थे। यही कारण है कि प्रशासन अब और सख्ती के मूड में है। जिससे हालात को जल्द ही काबू किया जा सके। इधर, विशेषज्ञ पहले ही अगस्त-सितंबर में तीसरी लहर आने की संभावना जता चुके हैं। दुर्ग जिले फिलहाल कोरोना मरीजों के मिलने की दर स्थिर बनी हुई है। रिकवरी दर 90 प्रतिशत के करीब है। अब तक जिले में कुल 96,595 कोरोना संक्रमित मिले हैं। इनमें से 94,654 रिकवर हो गए हैं। 1792 मरीज की मौत हो गई। जिले में अभी भी 149 एक्टिव मरीज मौजूद हैं।
दुर्ग जिले में धीरे-धीरे स्थिति सामान्य होने के भरम में लोगों ने जमकर लापरवाही शुरू कर दी है ! अगर कोरोना गाइडलाइन का सही ढंग से पालन नहीं हुआ तो तीसरी लहर जल्द आने से नहीं रोका जा सकता !