सुप्रीम कोर्ट ने जीपी सिंह पर किसी भी कार्रवाई पर रोक लगाई, छत्तीसगढ़ सरकार से भी मांगा जवाब

रायपुर। निलंबित एडीजी जीपी सिंह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सीजेआई एनवी रमना और जस्टिस सूर्यकांत की डिवीजन बेंच ने उनके खिलाफ राजद्रोह-भ्रष्टाचार के मामले में 4 हफ्तों तक किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने छत्तीसगढ़ सरकार से 4 हफ्ते में जवाब तलब किया है।

दरअसल, एसीबी के पूर्व चीफ जीपी सिंह के सरकारी बंगले समेत 15 ठिकानों पर एसीबी और ईओडब्ल्यू की छापेमारी में आय से अधिक संपत्ति और कुछ दस्तावेज मिले थे। इसमें सरकार के खिलाफ बातें लिखी गई थीं। सरकार ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति समेत राजद्रोह का मामला दर्ज किया था।
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सिंह ने दोनों मामलों में राहत पाने के लिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। सिंह ने अपनी याचिका में कहा था कि उन्हें राज्य सरकार के अधीन किसी जांच एजेंसी पर भरोसा नहीं है, इसलिए पूरे मामले को किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी जैसे की सीबीआई को सौंपना चाहिए। साथ ही उन्होंने दोनों मामलों में अग्रिम राहत पाने के लिए आवेदन भी प्रस्तुत किए थे, जिन्हें कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

राजद्रोह और भ्रष्टाचार के मामले में अग्रिम राहत की मांग करते हुए सिंह ने हाईकोर्ट में दो आवेदन प्रस्तुत किए थे। कोर्ट ने कहा था कि एडीजी जीपी सिंह ने अग्रिम जमानत याचिका निचली अदालत में दायर की थी फिर बाद में उसे वापस ले लिया। इस आधार पर उनका पहला आवेदन खारिज किया जाता है। वहीं, दूसरे आवेदन के मामले में हाईकोर्ट ने कहा था कि हमने केस डायरी देख ली है। ऐसे में जांच रोकना ठीक नहीं होगा। उनके दोनों आवेदनों को खारिज कर कोर्ट ने अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जहां से उन्हें अब बड़ी राहत मिली है।

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