रायपुर। मध्य जुलाई के बाद शुरू हुई मानसून की खींचतान ने छत्तीसगढ़ को सूखे की ओर ढकेल दिया है। प्रदेश की 177 में से 72 तहसीलों में 80 प्रतिशत से कम बरसात हुई है। मतलब सरकारी परिभाषा के मान से भी वे तहसीलें सूखे की चपेट में है। सरकार ऐसे हिस्सों को सूखा घोषित करने की तैयारी में। इस बीच राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी कलेक्टरों को आकस्मिक योजना पर काम करने को कहा है।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की सचिव रीता शांडिल्य ने कलेक्टरों को लिखा है, दैनिक वर्षा की समीक्षा के दौरान पाया गया है कि 23 जिलों की 72 तहसीलों में 80 प्रतिशत से कम बरसात हुई है। सूखा प्रबंधन मैन्युअल के मुताबिक 80 प्रतिशत से कम बारिश होने पर सूखे की स्थिति बनती है। ऐसे में 80 प्रतिशत से कम बरसात वाली तहसीलों में सूखे की संभावना के आधार पर आकस्मिक योजना तैयार करने का काम शुरू कर दें।
राजस्व विभाग ने दैनिक वर्षा के आंकड़ों के आधार पर जो रिपोर्ट तैयार की है, उसके मुताबिक 20 जिलों की 52 तहसीलों में 51 से 75 प्रतिशत तक ही बरसात हुई है। 24 जिलों की 69 तहसीलें ऐसी हैं जहां, 76 से 99 प्रतिशत बरसात दर्ज हुई है। वहीं, 17 जिलों की 46 तहसीलों में 100 प्रतिशत पानी बरसा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज हो रही राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में भी सूखे की हालात की समीक्षा होगी। संभावना जताई जा रही है कि सरकार सूखा राहत को लेकर बड़ा फैसला करेगी।