छत्तीसगढ़ में बिजली भी रिचार्ज से मिलेगी:कस्टमर को होगा बिजली कंपनी चुनने का हक होगा, जितना रिचार्ज कराएगा, उतनी ही बिजली खर्च कर सकेगा

️मुख्यमंत्री बघेल ने केंद्र सरकार के रिवेम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम को दी सैद्धांतिक सहमति

छत्तीसगढ़ के 53 लाख 50 हजार बिजली उपभोक्ताओं के मीटर अगले कुछ वर्षों में बदल दिए जाएंगे। गुरुवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार के रिवेम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम को सैद्धांतिक सहमति दे दी है। इसके तहत केंद्र सरकार सभी गैर कृषि उपभोक्ताओं के यहां प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने जा रही है।

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई चर्चा में मुख्यमंत्री ने इस पर विस्तार से चर्चा की। इस बैठक में बिहार, गुजरात, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा के ऊर्जा मंत्री और दमन-दीव के प्रशासक भी शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम को सैद्धांतिक सहमति दे दी।

केन्द्र सरकार द्वारा इस योजना के तहत विस्तृत परियोजना रिपोर्ट पेश करने की समय सीमा 31 दिसंबर 2021 निर्धारित की गई है। इस योजना की अनुमानित लागत 9600 करोड़ रुपए है। इस योजना को मार्च 2025 तक पूरा किया जाना है। इस योजना के साथ बिजली वितरण क्षेत्र में निजी कंपनियों की भी एंट्री हो सकती है। उपभोक्ता को बिजली के लिए कंपनी चुनने का हक होगा। वह जितना रिचार्ज कराएगा, वह उतनी ही बिजली खर्च कर सकेगा।

अगर कोई मीटर से छेड़छाड़ करता है तो कंपनी के पास अलर्ट मैसेज जाएगा जो कार्रवाई का आधार बनेगा। इन मीटरों के लग जाने के बाद उपभोक्ता के पास बिजली का बिल नहीं आएगा, क्योंकि रिचार्ज करने के नाते उसकी जरूरत ही नहीं पड़ेगी। इसके बाद मैनुअल मीटर रीडिंग की आवश्यकता नहीं रह जाएगी।

कर्मचारी स्टेशन से ही साफ्टवेयर के जरिए आसानी से प्रत्येक घर की बिजली की खपत की गणना कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के मुताबिक प्रदेश में अभी 59 लाख उपभोक्ता हैं। इनमें से करीब 5 लाख 50 हजार उपभोक्ता कृषि श्रेणी के कनेक्शन वाले हैं। सरकार इन पर अतिरिक्त सब्सिडी देती है। इन कृषि उपभोक्ताओं को केंद्र सरकार की योजना से फिलहाल बाहर रखा गया है।

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