रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की शांति और अहिंसा की अवधारणा के लिए यह जरूरी है कि हर हाथ को काम मिलेे और सभी को सम्मानपूर्वक जीने का अधिकार मिले। महात्मा गांधी ग्राम स्वराज्य की बात करते थे। छत्तीसगढ़ सरकार उनके इन्हीं आदर्शों पर चलते हुए महिलाओं और ग्रामीणों को स्वावलंबन की राह पर आगे बढ़ाने, लोगों को अधिकार देने और उन्हें रचनात्मक कार्यों से जोड़ने की दिशा में कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने आज राजधानी रायपुर के टाउन हॉल में ‘आज के संदर्भ में गांधी जी की शांति की अवधारणा और संभावना‘ विषय पर आयोजित विचार संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किए।
यह कार्यक्रम गांधी विचार फाउंडेशन, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन एवं न्यू नेरेटिव फोरम के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ गांधीवादी और एकता परिषद के संस्थापक राजगोपाल पी.वी. ने की। गांधी शांति प्रतिष्ठान नई दिल्ली के गांधीवादी विचारक कुमार प्रशांत कार्यक्रम के मुख्य वक्ता थे। वरिष्ठ गांधीवादी चितंक प्रोफेसर बालचंन्द्र कचवाह विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।