रायपुर। तेजी से अपना पैर पसार रहें सायबर अपराध एवं ऑनलाइन लाईन ठगी से संबंधित अपराधों की रोकथाम के मद्देजनर पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल द्वारा रायपुर के समस्त बैंकों के बैंक कर्मियों की बैठक आहुत की गई। बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर तारकेश्वर पटेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध अभिषेक माहेश्वरी, प्रभारी सायबर सेल एवं अलग – अलग समस्त बैंकों के लगभग 50 बैंकों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहें।
बैठक के दौरान पुलिस अधीक्षक द्वारा वर्तमान समय में तेजी से बढ़ रहे ऑनलाइन ठगी के मामलों को बैंककर्मियों द्वारा गंभीरता पूर्वक लेते हुए पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर त्वरित कार्यवाही कर पीड़ित को राहत प्रदान करने निर्देशित किया गया। बैठक के दौरान रायपुर पुलिस के अधिकारियों एवं बैंक के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा आपस में अपने – अपने सुझावों को साझा कर आने वाली समस्याओं का निराकरण किया गया। बैठक के दौरान पुलिस अधीक्षक द्वारा बैंककर्मियों को निम्नानुसार निर्देश दिए गए –
👉 किसी ग्राहक के साथ यदि किसी भी प्रकार की ऑनलाइन लाईन संबंधी ठगी होती है, तो बैंक द्वारा त्वरित कार्यवाही कर इस संबंध में जानकारी ग्राहक को उपलब्ध कराने के साथ ही रकम वापसी के हरसंभव प्रयास किया जावें।
👉 प्रत्येक बैंक अपने-अपने स्तर पर नोड़ल अधिकारी नियुक्त करें जो पुलिस द्वारा जानकारी मांग करने पर चाही गई जानकारी उपलब्ध करावें।
👉 बैंक में यदि लेन-देन करने वाला व्यक्ति संदिग्ध प्रतीत हो अथवा बैंक के अंदर या परिसर में भी कोई व्यक्ति संदिग्ध अवस्था में लगे तो इसकी जानकारी तत्काल संबंधित थाने या पुलिस द्वारा जारी टोल फ्री नंबर पर दे।
नंबर पर दे।
👉 ऑनलाइन लाईन नगदी रकम ठगी की घटना में अज्ञात आरोपियों द्वारा लगातार एक खाते से दूसरे फिर तीसरे सहित कई अन्य अलग- अलग खातों में रकम स्थानांतरित कर दिया जाता है। ऐसी घटनाओं में बैंकों द्वारा खाता धारकों के संबंध में त्वरित जानकारी उपलब्ध कराने से ऐसे ट्रांजक्शन को रोका जा सकता है।
👉 बैंककर्मियों द्वारा सायबर अपराध/ऑनलाइन लाईन नगदी रकम ठगी संबंधी अपराधों की जानकारी ग्राहकों एवं आमजनों को प्रदाय करने हेतु कार्यशाला आयोजित कर जागरूक किया जावे। इस हेतु संबंधित थाना/सायबर सेल रायपुर में कार्यरत दक्ष कर्मचारियों की व्यवस्था पुलिस विभाग द्वारा मुहैया कराया जाएगा।
👉 ऑनलाईन खुलने वाले खातों का जब तक के.वाय.सी. वेरफिकेशन ना हो तब तक उन खातो में अधिक लेन-देन की अनुमति न दिया जावे।
👉 बैंक के अंदर एवं बाहर सी.सी.टी.व्ही. कैमरों की उचित व्यवस्था हो।
👉 प्रत्येक बैंक/ए.टी.एम. बूथ में सुरक्षा गार्ड/सी.सी.टी.व्ही. कैमरे की उचित व्यवस्था हो।
👉 बैंक/ए.टी.एम. बूथ में कार्य करने वाले सुरक्षा गार्ड की समस्त जानकारी जैसे – स्थायी पता, वर्तमान पता, मोबाईल नंबर, आधार कार्ड सहित अन्य संपूर्ण जानकारी प्राप्त की जावें।
👉 गार्ड मुहैया कराने वाले एजेंसी की संपूर्ण जानकारी प्राप्त की जावें।
👉रिजर्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी की जाने वाली संपूर्ण जानकारियों को ग्राहकों तक पहुंचाया जावें।
👉 बैंक खातों से रकम आहरित होने वाले संदेश जो ग्राहकों के पंजीकृत मोबाईल पर प्राप्त होते है उनकी नियमितता के संबंध में जानकारी रखीं जावे।
👉 चेक के माध्यम से हो रहे बड़े लेन-देन के संबंध में संबंधित खाता धारक से फोन पर बात कर स्वीकृति की जानकारी ली जावें।
👉 ई-मेल के माध्यम से लेन-देन के संबंध में जानकारी प्राप्त कर रकम हस्तांतरण करने के पूर्व खाता धारक के पंजीकृत मोबाईल नंबर पर कॉल कर स्वीकृति प्राप्त कर ली जावें।
👉 ऑनलाइन लाईन नगदी रकम ठगी के संबंध में भारत सरकार द्वारा जारी किये गये टोल-फ्री नंबर 155260 की जानकारी ग्राहकों को उपलब्ध करायी जावें।
पूर्व में रायपुर पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर अपराधियों के संबंध में जानकारी प्रदान करते हुए अपराधों की खोजबीन में मदद करने के फलस्वरूप विश्वनाथ घोष शाखा प्रबंधक एच.डी.एफ.सी. बैंक शंकर नगर, मनोरी सेन ऑपरेशन हेड एक्सिस बैंक, सीमित विश्वास एवं प्रवीण साहू सहायक प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक को पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया।