आईपीएस जीपी सिंह को सुप्रीम कोर्ट से झटका, आय से अधिक संपत्ति में जीपी सिंह पर लटक रही गिरफ़्तारी की तलवार

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के निलंबित आईपीएस जीपी सिंह मामले में सुनवाई की है. जीपी सिंह मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दो टूक कहा है कि इस पूरे मामले की सुनवाई जब हाईकोर्ट कर रहा है तो फिर हम क्यूं करें? कोर्ट ने जीपी सिंह के तीन अलग-अलग प्रकरणों में दी गई अंतरिम राहत पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की है.

सुप्रीम कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में ईओडब्ल्यू की ओर से दर्ज किए गए एफआईआर पर राहत देने से इंकार कर दिया है. ऐसे में अब जी पी सिंह पर गिरफ़्तारी की तलवार लटक गई है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने बताया कि, कोर्ट में पूर्व में अंतरिम राहत देते हुए गिरफ़्तारी पर रोक लगाई थी, अब यह रोक हट गई है, ऐसे में गिरफ़्तारी की जा सकती है.

इधर छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से पैरवी करते हुए मुकुल रोहतगी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट से गिरफ़्तारी में मिली राहत की वजह से जी पी सिंह जाँच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. इसी वजह से हाईकोर्ट ने उन्हें राहत नहीं दी थी. रोहतगी ने जी पी सिंह को राहत देने का अंतरिम आदेश वापस लेने की मांग की थी.

कोर्ट ने जीपी सिंह के तीन अलग-अलग प्रकरणों में दी गई अंतरिम राहत पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में ईओडब्ल्यू की ओर से दर्ज किए गए एफआईआर पर राहत देने से इनकार कर दिया है. ऐसे में अब जीपी सिंह पर गिरफ़्तारी की तलवार लटक गई है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने बताया कि, कोर्ट में पूर्व में अंतरिम राहत देते हुए गिरफ़्तारी पर रोक लगाई थी, अब यह रोक हट गई है, ऐसे में गिरफ़्तारी की जा सकती है.

इधर छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से पैरवी करते हुए मुकुल रोहतगी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट से गिरफ़्तारी में मिली राहत की वजह से जीपी सिंह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. इसी वजह से हाईकोर्ट ने उन्हें राहत नहीं दी थी. रोहतगी ने जीपी सिंह को राहत देने का अंतरिम आदेश वापस लेने की मांग की थी.

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने बताया कि हाईकोर्ट पांच हफ्ते बाद सुनवाई करेगा और सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है, और अब वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मामले पर जब हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है तो फिर हम क्यों सुनवाई करें.

इस पर रोहतगी ने कहा कि राज्य सरकार के पक्ष को सुन लें. जीपी सिंह अतिरिक्त एजीडी के पद पर कार्यरत थे, और सरकार के खिलाफ काम कर रहे थे. वह मुस्लिम-हिन्दू को एक-दूसरे के खिलाफ भड़का रहे थे, जिससे सरकार गिर जाए. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से मिले गिरफ्तारी से संरक्षण की वजह से वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. यही वजह थी कि हाईकोर्ट ने राहत नहीं दी थी. इसके साथ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट ने जीपी सिंह को राहत देने का अंतरिम आदेश वापस लेने की मांग की.

जीपी सिंह की ओर से अधिवक्ता फली नारिमन ने कोर्ट को कहा कहा कि उन्हें बिना किसी मीटिंग के सस्पेंड कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि कोई साक्ष्य नहीं है. यह सब प्लांटेड है, और मुख्यमंत्री इसलिए मुझसे खफा हैं, क्योंकि मैंने पूर्व सीएम के खिलाफ कदम उठाने को मना कर दिया था.

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