बिलासपुर। शालेय शिक्षा सचिव डा. आलोक शुक्ला को शासन द्वारा दी गई संविदा नियुक्ति को लेकर छत्तीसगढ उच्च न्यायालय मे दायर की गई याचिका पर सुनवाई अगले माह 15 नवंबर को होगी।
बिलासपुर हाईकोर्ट ने इसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर लिया है। याचिकाकर्ता रुस्तम भाटी के द्वारा जनहित याचिका प्रस्तुत की गई थी। जिसके विरोध में छत्तीसगढ़ शासन एवं आलोक शुक्ला के वकीलों द्वारा याचिका पर आपत्ति की गई थी कि उपरोक्त याचिका जनहित याचिका के रूप में चलने योग्य नहीं है। क्योंकि रुस्तम भाटी एक पार्टी विशेष के पदाधिकारी है।
उल्लेखनीय है कि इस प्रकरण पर माननीय उच्च न्यायालय की कार्यवाहक मुख्यन्यायधिपति प्रशांत मिश्रा एवं न्यायाधीश नरेश कुमार चंद्रवंशी की युगलपीठ में 24 सितंबर को अंतिम रूप से बहस हुई। जिसका फैसला हाईकोर्ट ने सोमवार 4 अक्टूबर को सुनाया। माननीय न्यायालय ने अपने फैसले मे कहा कि राज्य शासन एवं आलोक शुक्ला की आपत्ति स्वीकार नही है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि उपरोक्त मामला जनहित याचिका के रूप में चलने योग्य है।