रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य में वर्ष 2019 के तेंदूपत्ता सीजन में लाभ में रहीं 595 समितियों के 8 लाख 34 हजार 706 संग्राहकों को 70 करोड़ 88 लाख रूपए के प्रोत्साहन पारिश्रमिक का वितरण किया। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 के सीजन के लिए भी 728 समितियों के 11 लाख 48 हजार 528 संग्राहकों को 232 करोड़ रूपए के राशि का भुगतान ऑनलाईन माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में पिछले साल किया गया था। उन्होंने इस दौरान दूरस्थ सुकमा आदि वनमंडलों के तेंदूपत्ता संग्राहकों से बात-चीत कर उनका उत्साहवर्धन भी किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ लघु वनोपजों के मामले में एक समृद्ध राज्य है और विभाग के कुशल क्रियान्वयन से हमारा राज्य लघु वनोपजों के संग्रहण में विगत दो वर्षों से देश में लगातार अव्वल बना हुआ है। उन्होंने इनमें वन विभाग के कार्यों और समन्वित प्रयास के साथ भागीदारी का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके फलस्वरूप विभाग के प्रति पहले की तुलना में वनवासियों तथा आम आदमी का अधिक जुड़ाव संभव हो पाया है, जो सराहनीय है।
वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य में लघु वनोपजों का संग्रहण आदिवासी-वनवासी सहित संग्राहकों के लिए आय का महत्वपूर्ण जरिया है। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य में उनके हित में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। कार्यक्रम में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में उद्योग मंत्री कवासी लखमा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुकमा से जुड़े हुए थे।
इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव वन मनोज पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी तथा संजय शुक्ला और कैम्पा समिति से जी.एस. धनंजय, पंकज बांधव, वशिउल्ला शेख, लक्ष्मी साहू, एम.सूरज तथा अपर प्रबंध संचालक राज्य लघु वनोपज संघ एस.एस. बजाज, कैम्पा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व्ही. श्रीनिवास राव उपस्थित थे।