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नई दिल्ली। कोयले की कमी के चलते देश के कई राज्यों में बिजली की समस्या को लेकर सरकार सजग हो गई है। इसी बीच केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सभी को आश्वस्त करते हुए कहा कि बिजली आपूर्ति बाधित होना का खतरा बिल्कुल भी नहीं है। कोल इंडिया लिमिटेड के पास 24 दिनों की कोयले की मांग के बराबर 43 मिलियन टन का पर्याप्त मात्रा में कोयले का स्टाक मौजूद है।

कोयला मंत्री जोशी ने ट्वीट कर कहा कि देश में कोयला उत्पादन और आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा की गई है। सभी को आश्वस्त करते हुए कि बिजली आपूर्ति में व्यवधान का कोई खतरा नहीं है। कोल इंडिया के पास 24 दिनों की कोयले की मांग के लिए 43 मिलियन टन का पर्याप्त मात्रा में कोयले का स्टाक रखा हुआ है।

मंत्री ने यह दोहराते हुए कहा कि देश में कोयले का पर्याप्त भंडार है, भय फैलाने के चक्कर में न पड़ें। उन्होंने कहा कि थर्मल पावर प्लांट्स में रोलिंग स्टाक दैनिक आपूर्ति के साथ भरा जा रहा है। इसके अलावा मानसून की वापसी के साथ आने वाले दिनों में कोयले की खेप बढ़ने की संभावना है, जिससे कोयले का स्टाक और बढ़ जाएगा।

कोयला मंत्रालय के अनुसार पावर प्लांट के पास अभी कोयले का लगभग 72 लाख टन स्टाक मौजूद है, जो 4 दिनों की आवश्यकता के लिए पर्याप्त है, और कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) के पास 400 लाख टन से अधिक का स्टाक है, जिससे पावर प्लांट के लिए कोयले कीआपूर्ति की जा रही है।

बता दें कि कोयला कंपनियों से मजबूत आपूर्ति के आधार पर सितंबर 2021 तक घरेलू कोयला आधारित बिजली उत्पादन में इस वर्ष लगभग 24 फीसद की वृद्धि हुई है। पावर प्लांट में कोयले की दैनिक औसत आवश्यकता लगभग 18.5 लाख टन प्रतिदिन है जबकि दैनिक कोयले की आपूर्ति लगभग 17.5 लाख टन प्रतिदिन है।

इसके पहले केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने देश में बड़े पैमाने पर बिजली संकट के दावों का खंडन किया और कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि बिजली संकट नहीं है, यह कहते हुए कि देश में बिजली उत्पादन के लिए कोयला का पर्याप्त भंडार है।

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