रायपुर, 14 अक्टूबर 2021
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज शाम यहां अपने निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ के राजकीय गमछे का लोकार्पण किया। इस अवसर पर संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, संसदीय सचिव चन्द्रदेव राय, छत्तीसगढ़ राज्य गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी., संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य उपस्थित थे।
शासकीय आयोजनों में गमछा अतिथियों को भेंट किया जाएगा
छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा संघ द्वारा राज्य की पारंपरिक सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करने वाले ये गमछे टसर सिल्क एवं कॉटन बुनकरों तथा गोदना हस्त शिल्पियों द्वारा तैयार कराए गए हैं। गमछे पर छत्तीसगढ़ के राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना, राजकीय पशु वन भैंसा, मांदर, बस्तर के प्रसिद्ध गौर मुकुट और लोक नृत्य करते लोक कलाकारों के चित्र गोदना चित्रकारी से अंकित किए गए हैं। गमछे की डिजाईन में धान के कटोरे के रूप में प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ राज्य को प्रदर्शित करने के लिए धान की बाली तथा हल जोतते किसान को प्रदर्शित किया गया है। सरगुजा की पारंपरिक भित्ति चित्र कला की छाप गमछे के बार्डर में अंकित की गई है। शासकीय आयोजनों में यह गमछा अतिथियों को भेंट किया जाएगा। गमछा तैयार करने के पारिश्रमिक के अलावा गमछे से होने वाली आय का 95 प्रतिशत हिस्सा बुनकरों तथा गोदना शिल्पकारों को दिया जाएगा।
टसर सिल्क गमछा
टसर सिल्क गमछे में बुनकर द्वारा ताने में फिलेचर सिल्क यार्न तथा बाने में डाभा टसर यार्न एवं घींचा यार्न का उपयोग किया गया है। गमछे की चौड़ाई 24 इंच तथा लंबाई 84 इंच है। इस टसर सिल्क गमछे की बुनाई सिवनी चांपा के बुनकरों द्वारा की गई है। गमछे की बुनाई के उपरांत उनमें सरगुजा की महिला गोदना शिल्पियों के द्वारा गोदना प्रिंट के माध्यम से डिजाइनों को उकेरा गया है। सिल्क गमछे में गोदना डिजाइन कार्य दो शिल्पियों द्वारा एक दिन में एक नग तैयार किया जाता है। एक सिल्क गमछे में गोदना कार्य हेतु प्रति नग 700 रूपए का पारिश्रमिक शिल्पियों को प्रदान किया जाता है। एक सिल्क गमछे का मूल्य 1,534 रूपये (जी.एस.टी. सहित) निर्धारित है। सिल्क गमछे की बुनाई मजदूरी 120 रूपए प्रति नग है।