विश्व स्वास्थ्य संगठन के तकनीकी परामर्शदाता समूह ने आज भारत बायोटेक के कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन को आपात उपयोग की सूची (ईयूएल) में रखने की सिफारिश की. इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे मंजूर कर लिया. कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन की मंजूरी मिलने के बाद अब वैक्सीन लेने वाले बिना रोक-टोक के विदेश यात्रा कर सकेंगे.
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में जी 20 की बैठक के दौरान कोवैक्सीन को मंजूरी दिए जाने का मुद्दा उठाया था. कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन से मंजूरी मिलने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा, ”यह समर्थ नेतृत्व की निशानी है, यह मोदी जी के संकल्प की कहानी है, यह देशवासियों के विश्वास की ज़ुबानी है, यह आत्मनिर्भर भारत की दिवाली है.”
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तकनीकी परामर्शदाता समूह ने 26 अक्टूबर को टीके को आपात उपयोग के लिए सूचीबद्ध करने के लिहाज से अंतिम ‘जोखिम-लाभ मूल्यांकन’ करने के लिए भारत बायोटेक से अतिरिक्त स्पष्टीकरण मांगे थे. डब्ल्यूएचओ का तकनीकी परामर्शदाता समूह एक स्वतंत्र सलाहकार समूह है जो डब्ल्यूएचओ को यह सिफारिश करता है कि क्या किसी कोविड-19 रोधी टीके को ईयूएल प्रक्रिया के तहत आपात उपयोग के लिए सूचीबद्ध किया जा सकता है या नहीं.
कोवैक्सीन ने लक्षण वाले कोविड-19 रोग के खिलाफ 77.8 प्रतिशत प्रभाव दिखाया है और वायरस के नये डेल्टा स्वरूप के खिलाफ 65.2 प्रतिशत सुरक्षा दर्शाई है.
कोवैक्सीन विकसित करने वाली हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने 19 अप्रैल को टीके की आपात उपयोग सूचीबद्धता (ईयूएल) के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन को रूचि पत्र सौंपा था. इसके बाद से ही कोवैक्सीन को मंजूरी मिलने का इंतजार था.