महत्वपूर्ण खगोलीय घटना में 580 वर्षों में सबसे लंबा आंशिक चंद्रग्रहण 19 नवंबर को पड़ेगा और यह पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों से दिखाई देगा. एमपी बिड़ला तारामंडल में अनुसंधान और अकादमिक निदेशक देबीप्रसाद दुआरी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि दुर्लभ घटनाक्रम अरुणाचल प्रदेश और असम के कुछ क्षेत्रों से दिखाई देगा. उन्होंने बताया कि आंशिक चंद्रग्रहण दोपहर 12.48 बजे शुरू होगा और शाम 4.17 बजे समाप्त होगा. दुआरी ने कहा कि ग्रहण की अवधि तीन घंटे 28 मिनट 24 सेकंड होगी, जो 580 वर्षों में सबसे लंबा आंशिक चंद्रग्रहण होगा. उन्होंने कहा कि पूर्वी क्षितिज के अत्यंत करीब अरुणाचल प्रदेश और असम के कुछ इलाकों में चंद्रोदय के ठीक बाद आंशिक ग्रहण अपने अंतिम क्षणों में दिखाई देगा. उन्होंने कहा कि पिछली बार इतनी लंबा आंशिक चंद्रग्रहण 18 फरवरी 1440 को हुआ था और अगली बार इसी तरह का घटनाक्रम वर्ष 2669 में आठ फरवरी को दिखेगा.
अधिकतम आंशिक ग्रहण अपराह्न 2.34 बजे दिखाई देगा जब चंद्रमा का 97 फीसदी हिस्सा पृथ्वी की छाया से ढक जाएगा. आंशिक चंद्र ग्रहण उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत क्षेत्र में दिखाई देगा. दुआरी ने कहा कि उपछाया ग्रहण पूर्वाह्न 11.32 बजे शुरू होगा और शाम 5.33 बजे समाप्त होगा. उपछाया ग्रहण तब होता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा अपूर्ण रूप से संरेखित होते हैं. उन्होंने कहा कि ग्रहण उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा से दिखाई देगा, लेकिन इन स्थानों से इसे कुछ समय के लिए ही देखा जा सकेगा. दुआरी ने कहा कि आंशिक ग्रहण की तरह उपछाया ग्रहण शानदार और नाटकीय नहीं होता है तथा कभी-कभी उस पर ध्यान भी नहीं जाता है. उन्होंने कहा कि पिछली बार चंद्रग्रहण 27 जुलाई, 2018 को पड़ा था और अगला चंद्रग्रहण 16 मई 2022 को होगा, लेकिन यह भारत से दिखाई नहीं देगा. भारत से दिखाई देने वाला अगला चंद्रग्रहण आठ नवंबर 2022 को होगा.