डंका न्यूज ब्यूरो
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ और तेलंगाना राज्य की सीमा पर स्थित सीआरपीएफ कैंप में 39 बटालियन के एक हेड कॉन्स्टेबल ने अपनी सर्विस राइफल से कैंप में ही पोस्टेड एएसआई पर गोलियां दाग दी। जिससे एएसआई की मौके पर ही मौत हो गई। एएसआई को गोली मारने के बाद उसने खुद पर भी गोली चलाकर आत्महत्या का प्रयास किया है। बताया जा रहा है कि हेड कॉन्स्टेबल गंभीर रूप से घायल है। जिसे वारंगल अस्पताल ले जाया गया है।
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक मुलुगु जिले में सीआरपीएफ के एएसआई उमेश चंद्र और हेड कॉन्स्टेबल स्टीफन के बीच कुछ विवाद हुआ था। जिसके बाद रविवार की सुबह महज 8:40 बजे हेड कॉन्स्टेबल ने एएसआई पर अपनी सर्विस राइफल से गोलियां दाग दी। मुलुगु बस्तर के सुकमा जिले के कोंटा इलाके से लगा है।
फायरिंग की आवाज सुनते ही कैंप के अन्य जवान भी तुरंत मौके पर पहुंच गए। उन्होंने देखा कि एएसआई की मौके पर मौत हो गई है। जबकि हेड कॉन्स्टेबल गंभीर रूप से घायल होकर तड़प रहा था। जिसे जवानों ने फौरन अस्पताल पहुंचाया। फिलहाल सीआरपीएफ के अफसर मामले की जांच में जुट गए हैं।
कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के लिंगनपल्ली सीआरपीएफ कैंप में भी एक जवान ने अपने 7 साथियों को गोलियों से भून दिया था। इस घटना में 4 जवानों की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि 3 गंभीर रूप से घायल हुए थे। घटना के एक दिन बाद पूछताछ में आरोपी जवान ने बताया था कि साथी उसकी पत्नी को कच्ची कली बोलते थे। मजाक-मस्ती करते थे। इस लिए सभी को मौत की सजा दे दी।
पिछले 3-4 सालों में ऐसी ही घटनाओं में 20 से ज्यादा जवानों ने अपनी जान गंवाई है। सबसे ज्यादा नारायणपुर, बीजापुर और सुकमा स्थित सुरक्षा बलों के कैंप में इस तरह की घटनाएं हुई हैं। इस तरह की घटनाओं में सबसे ज्यादा सीआरपीएफ के 9 जवानों की मौत हुई है, जबकि आईटीबीपी के 6 और सीएएफ को 5 जवानों का नुकसान झेलना पड़ा है। इनमें से ज्यादातर घटनाएं रात के समय ही हुई हैं। जब सभी जवान ड्यूटी खत्म होने के बाद महफिल में बैठते और एक दूसरे से मस्ती-मजाक करने लगते हैं।