डंका न्यूज ब्यूरो
यदि आप भी एक पीएफ खाताधारक हैं तो यह आपके काम की खबर है। अब सरकार एक नया नियम लागू करने जा रही है, जिसका असर सीधे देश के 6 करोड़ से अधिक पीएफ खाताधारकों एवं ईपीएफओ के सदस्यों पर होगा। असल में, केंद्र सरकार 1 अप्रैल से नए आयकर कानूनों को लागू करने जा रही है। नया नियम 1 अप्रैल से लागू होगा जिसके तहत सीमा से अधिक योगदान से होने वाली आय कर योग्य होगी। 31 मार्च, 2021 तक कर्मचारियों द्वारा किए गए सभी योगदानों को गैर-कर योग्य योगदान माना जाएगा।
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि अतिरिक्त राशि पर ब्याज की गणना गैर-कर योग्य योगदान और कर योग्य योगदान के लिए अलग से की जाएगी।नए आयकर नियमों के अनुसार गैर-सरकारी कर्मचारियों के लिए कर-मुक्त योगदान पर 2.5 लाख रुपये और सरकारी कर्मचारियों के लिए 5 लाख रुपये की सीमा निर्धारित की गई है।
नतीजतन, जब एक गैर-सरकारी कर्मचारी अपने पीएफ खाते में निर्धारित सीमा से अधिक राशि जमा करेगा, तो उस पर अर्जित ब्याज कर के अधीन होगा। इसी तरह, यदि कोई सरकारी कर्मचारी निर्धारित सीमा से अधिक राशि जमा करता है, तो अतिरिक्त राशि से अर्जित ब्याज कर के अधीन होगा।इससे मौजूदा भविष्य निधि (पीएफ) खातों को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा कर-मुक्त योगदान पर घोषित सीमा के तहत विभाजित किया जाएगा।
यह कदम पीएफ योगदान पर अर्जित ब्याज के संदर्भ में कराधान प्रक्रिया को प्रभावित करने वाला है, जिसमें कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) और स्वैच्छिक भविष्य निधि (वीपीएफ) एक सीमा से अधिक महंगा हो रहा है। कहा जाता है कि कर-मुक्त योगदान के लिए नया नियम करदाताओं को अपने करों की गणना करने का एक आसान तरीका प्रदान करता है।
यह कर योग्य और गैर-कर योग्य योगदान को विभाजित करने में भी मदद करेगा।नए आयकर नियमों में गैर-सरकारी कर्मचारियों के लिए कर-मुक्त योगदान पर 2.5 लाख रुपये और सरकारी कर्मचारियों के लिए 5 लाख रुपये की सीमा है। निर्धारित सीमा से अधिक राशि पर अर्जित ब्याज पर कर लगेगा।