मुआवजे की खातिर कोरोना सर्टिफिकेट का फर्जीवाड़ा पड़ेगा भारी, सुप्रीम कोर्ट ने जाहिर की चिंता


नई दिल्ली: कोरोना वायरस से मौत का फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाकर मुआवजा ले रहे लोगों पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की है. सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि लोग कोरोना से मौत का फर्जी सर्टिफिकेट बनवाकर मुआवजा ले रहे हैं. केंद्र की बात सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस पर नाराजगी और चिंता का इजहार करते हुए कैग से मामले की जांच कराने के संकेत दिए. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार को फर्जी दावों के संबंध में 15 मार्च तक हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा. अब इस मामले की सुनवाई 21 मार्च को होगी.

कोर्ट ने कहा, कोरोना से मौत के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि दिए जाने के हमारे आदेश का फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाकर कुछ लोग दुरुपयोग कर रहे हैं, इस पर हम चिंतित हैं. सुनवाई के दौरान जस्टिस एमआर शाह ने कहा कि हमने कभी नहीं सोचा था कि इस तरह के फर्जी दावे भी आ सकते हैं. उन्होंने कहा कि हमने कभी नहीं सोचा था कि इस योजना का दुरुपयोग किया जा सकता है और अगर इसमे अधिकारी भी शामिल हैं तो यह और भी बुरा हो जाता है.

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