प्रदेश में अब धरना प्रदर्शन हुआ मुश्किल, सरकार ने जारी किया आदेश


डंका न्यूज डेस्क
रायपुर। प्रदेश में बीते दो दिनों के अंदर दो बड़े आंदोलनों पर कार्यवाही कर उसे बंद कराने के बाद अब प्रदेश सचिवालय की ओर से प्रदेश के अंदर होने वाले सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों,रैलियों, प्रदर्शनों के लिए नविन आदेश ज़ारी किये गए हैं। छत्तीसगढ़ में विभिन्न संगठनो द्वारा किये जा रहे आंदोलन, भूख हड़ताल, धरना प्रदर्शन पर सख्ती दिखाते हुए ACS सुब्रत साहू ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों और SP को पत्र लिख कर राज्य में होने वाले सभी आयोजनों और कार्यक्रमों के लिए नियमो को कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिए। पत्र में स्पष्ट आदेश किया गया है की प्रदेश में आयोजन करने के पूर्व जिला प्रशासन की पूर्व अनुमति प्राप्त करना आवश्यक है। जिला प्रशासन विभिन्न संगठनों से निर्धारित प्रारूप में आवेदन संपूर्ण विवरण सहित प्राप्त करें और अनुमति देने या ना देने के निर्णय को सूचित करे।

क्या होगी सार्वजनिक कार्यक्रम के लिए आवेदन की नवीन प्रक्रिया
अब किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम जैसे कि धरना प्रदर्शन, रैली को आयोजित करने से पहले कलेक्टर दफ्तर में एक फॉर्म भरकर जमा करना होगा। इसका बकायदा एक प्रारूप तैयार किया गया है। ये फॉर्म एसडीएम कार्यालय से आवेदन करते वक्त लिया जा सकेगा। इसमें आयोजक के पूरी जानकारी ली जाएगी । आयोजन किस तारीख से किस तारीख तक चलेगा, कहां होगा, अगर रैली हुई तो उसका रूट क्या होगा, रैली में कौन लोग शामिल होंगे, कहां से आएंगे कौन सी गाड़ियों से आएंगे, पूरे आयोजन का मकसद क्या है। इस तरह के 11 सवालों के जवाब के साथ फॉर्म भरकर जमा करना होगा। इसके बाद जिला प्रशासन पर निर्भर करता है कि वह अनुमति देगा या नहीं। बिना अनुमति के कार्यक्रम किया तो आयोजकों पर एफ आई आर दर्ज की जाएगी।

ये होंगे सार्वजनिक कार्यक्रमों की नयी शर्तें
गृह विभाग की तरफ से जारी की गई शर्तों के मुताबिक आयोजन में शामिल हर व्यक्ति को अनुमति की शर्तों का पालन करना होगा।
जिला प्रशासन और पुलिस का पूरा सहयोग करना होगा।
धरना या रैली के दौरान सड़क की व्यवस्था और कानून की व्यवस्था शांतिपूर्ण तरीके से बनाए रखनी होगी।
तय जगहों पर ही वाहनों की पार्किंग होगी।
जुलूस में किसी भी तरह का कोई हथियार नशीला पदार्थ इस्तेमाल नहीं हो सकेगा ।
नफरत फैलाने वाला कोई भड़काऊ भाषण नहीं दिया जा सकेगा।
आम जनता की सुविधा के लिए यातायात और सुरक्षा के नियमों का पालन किया जाएगा।
पूरे आयोजन की वीडियोग्राफी होगी जिसे जुलूस आयोजन के 2 दिन के भीतर एसडीएम कार्यालय में जमा करवाना होगा
लाउडस्पीकर वगैरह का इस्तेमाल बेहद धीमी आवाज में होगा।
आंदोलन में शामिल रहने या बने रहने के लिए किसी पर दबाव नहीं बनाया जा सकेगा।
तय समय पर आंदोलन खत्म करना होगा।
आयोजकों को अपने वॉलिंटियर रखने होंगे जो पुलिस और जिला प्रशासन का सहयोग करेंगे।
आयोजन में शामिल होने वाले लोगों के लिए भोजन पानी और चिकित्सा की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी।
आयोजन में किसी भी तरह के पशु या पक्षी का इस्तेमाल नहीं होगा।
लाठी, डंडा या बंदूकों का इस्तेमाल नहीं होगा।
व्यवस्था बनाने में लगे पुलिस ने जिला प्रशासन के सरकारी कर्मचारियों से दुर्व्यवहार नहीं किया जा सकेगा।
सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।
आयोजन समिति के आवेदक व्यक्तिगत रूप से जवाबदेह होंगे, अगर किसी भी तरह का उल्लंघन हुआ तो उनके खिलाफ F.I.R की जाएगी।
अनुमति प्राप्त नहीं होने पर आयोजन नहीं हो सकेगा।
किसी निजी भूमि पर कार्यक्रम हुआ तो संबंधित व्यक्ति से एनओसी लेना होगा।
कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों को पारंपरिक मान्यता वाले शस्त्र लाठी तलवार त्रिशूल भाले, भाले वाले झंडे वगैरह का प्रयोग करने से पहले जानकारी देनी होगी।
आयोजन के प्रमुख 10 लोगों का नाम पता मोबाइल नंबर देना होगा।
ज्ञात हो पिछले दो दिनों में पुलिस द्वारा दो बड़े आंदोलन को ख़त्म किया गया है। जिनमे एक 44 दिनों से चल रहा विद्युत् संविदा कर्मियों का था और दूसरा 112 दिनों से आंदोलनरत नया रायपुर किसान संघर्ष समिति का था। दोनों ही आंदोलनों को खत्म करने का वीडियो भी खूब वायरल हो रहा है।

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