ट्रेनें नहीं तो कोयला नहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने घेरा डीआरएम ऑफिस


डंका न्यूज डेस्क
रेलवे ने छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली 23 यात्री ट्रेनों को एक महीने के लिए रद्द कर दिया है। इस रेलबंदी से प्रदेश की राजनीति भड़क गई है। मंगलवार को कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की अगुवाई में डीआरएम कार्यालय का घेराव कर दिया। प्रदेश अध्यक्ष ने डीआरएम को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने कहा कि यदि यात्री ट्रेनों को बहाल नहीं किया गया तो कांग्रेस यहां से कोयला लेकर जाने वाली मालगाड़ियों को रोकेगी और देश में कोयले की सप्लाई ठप कर देगी। उधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रेल मंत्री से भी इस बारे में फोन पर बात की।

ट्रेनें बंद करने के खिलाफ चल रहा आंदोलन सही है, आप क्या समझते हैं?
एक साथ 23 यात्री ट्रेनें बंद करना अन्याय है
रेलवे को वैकल्पिक व्यवस्था करना थी फिर यह निर्णय लेते
छत्तीसगढ़ से कोयला नहीं जाने दिया तो बड़ा संकट होगा
कांग्रेस ने कल ही ट्रेनें रद्द करने के खिलाफ आंदोलन की घोषणा की थी। मंगलवार दोपहर पीसीसी चीफ मोहन मरकाम, कांग्रेस के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ डीआरएम ऑफिस पहुंचे। पहले इन लोगों ने ऑफिस के सामने धरना दिया और नारेबाजी की। इसके बाद डीआरएम को ज्ञापन सौंपकर ट्रेनें तुरंत बहाल करने की मांग की।

रोक देंगे कोयले-बिजली की सप्लाई

मीडिया से बात करते हुए मोहन मरकाम ने कहा कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के लोगों को परेशान करने के लिए ऐसा कर रही है। सरकार ने बिजली और कोयले की कृत्रिम कमी बनाई है और अब यहां से कोयला की सप्लाई तेज करने के लिए 23 यात्री ट्रेनों को बंद कर दिया है। ऐसा हम नहीं होने देंगे। यदि केंद्र सरकार ने इन ट्रेनों को फिर से नहीं चलाया तो हम यहां से बिजली और कोयले की सप्लाई रोक देंगे।

मुख्यमंत्री ने की रेल मंत्री से बात

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रेलवे के इस निर्णय का विरोध कर चुके हैं। उन्होंने कहा, रेलवे को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। एक दिन पहले उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे पर रेल मंत्री से भी बात करेंगे। इसके बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रेल मंत्री अश्वनी कुमार से फोन पर बात की और जनहित में सभी 23 ट्रेनों को फिर से यथावत चलाने की मांग की। रेल मंत्री ने इस मांग पर निर्णय लेने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर रेलगाड़ियों को बंद करने पर आपत्ति जताई है।

ट्रैक अपग्रेड करना तो बहाना है

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने बताया था, राज्य से 23 ट्रेनों के परिचालन रद्द किए जाने से एक बार फिर से यह साबित हो गया कि नरेन्द्र मोदी से देश नहीं संभल रहा है। वे न तो कोल इंडिया बचा पा रहे, न रेलवे। सुधार कार्य और मेंटेनेंस के नाम पर ट्रेनों को रद्द करना एक बहाना है। दरअसल मोदी सरकार ने ट्रेनों को परिचालन कोयला संकट के कारण रद्द किया है। स्वयं रायपुर के सांसद सुनील सोनी ने यह स्वीकार किया है कि यदि ट्रेनों को रद्द नहीं किया गया तो 7 से 8 राज्यों में बिजली संकट के कारण ब्लैक आउट की स्थिति पैदा हो जाएगी। सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, यदि ट्रेन मेंटेनेंस के कारण ट्रेनों को रद्द किया गया है तो फिर उसी रेलवे ट्रेक पर मालगाड़ियों का परिचालन कैसे किया जा रहा है। न सिर्फ मालगाड़ियों का परिचालन किया जा रहा उनकी संख्या दुगुनी भी कर दी गयी है।

अब तक 109 ट्रेनों को बंद करने का आरोप

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, रेलवे ने अब तक राज्य की 109 ट्रेनों को बंद कर दिया है। 87 ट्रेनों को पिछले कोरोना के नाम से दो साल से बंद किया गया। 22 ट्रेनों को अब रद्द कर दिया गया है। ट्रेनों के बंद किए जाने से रेलवे से जुड़ कर जीविकोपार्जन करने वाले लोग भी परेशान है।

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