रायपुर। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के जमीन मुआवजा विवाद निपटारे के लिए सरकार ने 8 सदस्यीय समिति बनाई है। उच्च शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति 15 दिन के भीतर प्रकरणों की समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट उच्च शिक्षा विभाग को देगी।
रविवि में मुआवजा संबंधी विवाद के चलते कुर्की की कार्रवाई हो गई है। करीब 15 करोड़ के मुआवजा भुगतान को लेकर विवाद चल रहा है। इस प्रकरण पर हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद रविवि प्रबंधन विवाद को निपटाने के लिए सरकार पर दबाव बनाया है। इस कड़ी में राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उईके के हस्तक्षेप के बाद मुख्य सचिव ने एक समिति गठित की है।
उच्च शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति में वित्त सचिव, राजस्व सचिव अथवा उनके द्वारा नामांकित प्रतिनिधि, आयुक्त उच्च शिक्षा, रायपुर कलेक्टर, रविवि कुलपति, विधि विभाग द्वारा नामांकित प्रतिनिधि को सदस्य नियुक्त किया गया है। सदस्य पूरे मामले की समीक्षा कर 15 दिनों के भीतर अपनी अनुशंसा उच्च शिक्षा विभाग को देगी।
उल्लेखनीय है कि रविवि और भू-स्वामियों के बीच करीब 5.16 एकड़ जमीन के मुआवजे को लेकर विवाद चल रहा है। रविवि के पास तकरीबन 3 सौ एकड़ जमीन है। वर्ष 2005-06 में शासन ने भू-स्वामियों से करीब 74 एकड़ जमीन अधिग्रहित कर रविवि को दी। इसके लिए भू-स्वामियों को मुआवजे की राशि दी गई। लेकिन अतिरिक्त मुआवजे को लेकर 31 किसान कोर्ट गए।
जिला अदालत ने 2017 में किसानों के पक्ष में निर्णय दिया। इसके तहत करीब 6.63 करोड़ रुपए 15 प्रतिशत ब्याज की दर से मुआवजा देने को कहा। अब यह राशि ज्यादा हो गई है। विवि ने इस राशि की मांग शासन से की। लेकिन शासन ने पैसे देने से मना कर दिया। मुआवजे की राशि नहीं मिलने पर कुर्की की कार्रवाई की जा रही है।
सरकार ने गठित की 8 सदस्य टीम 15 दिन में देनी होगी रिपोर्ट पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय मुआवजा विवाद हेडिंग लगाएंगे