बदली दहशत की फिजा तो ईको टूरिज़्म रिसॉर्ट में तब्दील हुआ एसटीएफ कैम्प

जगदलपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने प्रदेश व्यापी भेंट मुलाक़ात कार्यक्रम के दौरान ग्राम चित्रकोट में ईको टूरिज़्म रिसॉर्ट का उद्घाटन किया। रिसॉर्ट में आत्मसर्पित नक्सली और नक्सल पीड़ित परिवारों के दस से ज़्यादा लोगों को रिसॉर्ट में रोजगार मिलेगा। पहले इस स्थल पर एसटीएफ कैम्प था।अब यहां शांति पूर्ण माहौल है और जन जीवन सामान्य है इसलिए एसटीएफ कैम्प को ईको टूरिज़्म रिसॉर्ट में रूप में रेनोवेट किया गया है। लगभग 2 करोड़ 90 लाख राशि की लागत से बने इस रिसॉर्ट में अंदरूनी इलाकों से पढ़ाई के लिए आने वाले बच्चों के लिए डोरमेट्री भी बनाई गई है। साथ ही पर्यटकों के लिए रूफ टॉप रेस्टोरेंट और रिवर राफ्टिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। रिसॉर्ट का निर्माण जिला प्रशासन द्वारा किया गया है, इसका संचालन छत्तीसगढ़ टूरिज़्म बोर्ड द्वारा किया जाएगा। मुख्यमंत्री के समक्ष जिला प्रशासन से छत्तीसगढ़ टूरिज़्म बोर्ड रिसॉर्ट का आधिपत्य हस्तांतरित किया गया।

कभी नक्सली थी दसमी, अब रिसोर्ट में बनी रिसेप्शनिस्ट

चांदामेटा की रहने वाली दसमी कुहरामी ने कभी नक्सलियों के बहकावे में आकर बंदूक थामा था। अब यही हाथ बस्तर घूमने के लिए पहुंच रहे पर्यटकों के स्वागत में जुड़ते हैं। 9 साल तक नक्सली के रूप में जीवन बिताकर आत्मसमर्पण करने वाली दसमी कुहरामी की पहचान अब एक सभ्य, शिष्ट रिसेप्शनिस्ट के तौर पर बन रही है। वर्ष 2020 में छत्तीसगढ़ सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर दसमी ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का फैसला कर लिया। आत्मसमर्पण के बाद दसमी कुहरामी को प्रशासन ने समर्पण नीति का लाभ दिया, तो दसमी भी चांदामेटा लौट गई। इस बीच चित्रकोट इको टूरिज्म रिसॉर्ट में उसे रिसेप्शनिस्ट की नौकरी भी मिल गई, और अब दसमी की जिंदगी की नयी शुरुआत हो चुकी है। अब वह सम्मानजनक जिंदगी बिता रही है।

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