महिला आयोग की सुनवाई में निपटे 4 मामले, आयोग किसी महिला को नहीं कर सकता अपमानित : डॉ. किरणमयी

रायपुर। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए सुनवाई की। इस दौरान एक महिला के प्रकरण में ज्वेलरी दुकानदार को आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया। दुकानदार पर महिला ने 1 करोड़ रुपये से ज्यादा का सोने चांदी का सामान लेकर वापस नहीं करने का आरोप लगाया है। जिस पर आयोग ने दुकानदार का बयान दर्ज किया, दुकानदार ने आयोग को बताया, उसकी ज्वेलर्स की दुकान में उसका भाई बैठता था। जो भी लेनदेन है वह उसी के द्वारा किया जाता था, दुकानदार ने आयोग के सामने दुकान में बैठने वाले के खिलाफ कार्यवाही की बात कही।

एक अन्य प्रकरण में महिला ने आयोग में पीएचई के कार्यपालन अभियंता का नाम लिया था, आज की सुनवाई में कार्यपालन अभियंता आयोग में समस्त दस्तावेज लेकर उपस्थित हुए म लेकिन महिला ने आने से इंकार कर दिया। पीएचई अधिकारी ने आयोग को बताया कि महिला ने श्रम न्यायालय के उपादान आदेश 16 जुलाई 2021 प्रस्तुत किया था, जिसके पालन में लगभग 7 लाख रूपये उसके खाते में भेज दिया गया था। चूंकि उनके अभिलेख में यह दर्ज था कि उनके पिता की दो संतान है। न्यायालयीन आदेश के कारण अनावेदक को राशि दी गई थी वर्तमान में जीआईएस और डीपीएफ खाते में लगभग 4 लाख रूपये राशि जमा है। जिसे अब तक नहीं दिया गया है और महिला वर्तमान में अनुकंपा नियुक्ति के तहत प्रोबेशन पिरियड पर है। आयोग के द्वारा अधिकारी कार्यपालन अभियंता पीएचई में कार्यरत है। उन्हें निर्देशित किया जाता है कि वह महिला को शासकीय शोकॉस नोटिस भेजकर 7 लाख रूपये जमा कराने और श्रम न्यायालय के समस्त दस्तावेज और फाइल की प्रमाणित प्रतिलिपि भी जमा कराने के निर्देश दिए हैं। अपने स्तर पर श्रम न्यायालय के अभिलेखों की बारिकी से जांच कर महिला की मदद कर समस्त दस्तावेजों की प्रतिलिपि आयोग की सुनवाई के समक्ष प्रस्तुत करने कहा गया, जिससे इस प्रकरण का निराकरण किया जा सकें।

इसी तरह एक महिला वर्तमान में 8 माह की गर्भवती है। पुरुष नगर निगम रायपुर में कार्य करता है। जहां उसे 10 हजार प्रतिमाह मिलता है।आयोग की समझाईश पर 5 हजार रूपये प्रतिमाह देना स्वीकार किया। अगली पेशी में पुरुष की पहली पत्नी को आयोग फोन कर सूचना देगा, जिससे इस प्रकरण में दोनों पक्षों की समस्या का स्थायी निदान किया जा सके।

एक प्रकरण में कुछ महिलाओं ने अलग-अलग शिकायत पेश की है, दोनों पक्ष स्व. सहायता समूह में रोजगार करती हैं। आपसी वर्चस्व की लड़ाई को लेकर दोनो पक्षों को समझाइश दिया गया है। अपने कार्य पर ही ध्यान केंद्रित करें और एक दूसरे के कार्य पर हस्तक्षेप ना करें। पूर्व में किये गए कार्यों के कारण हुए मतभेद को समाप्त करते हुए दोनो पक्षों ने एक दूसरे से आयोग के समक्ष माफी मांगी। भविष्य में एक दूसरे के खिलाफ दुर्व्यवहार बयानबाजी न करने की बात स्वीकार किये हैं। इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।

एक प्रकरण में महिला ने अपनी बहु को ले जाने का आवेदन आयोग में दिया था, जिसमें बहु अपने पति के साथ रहने से इंकार कर रही है। महिला के बेटे-बहु ने आर्य समाज मे विवाह किया, जिसके एक दिन बाद ही महिला अपने पिता के घर चली गई थी। अब बहु तलाक चाहती है। आयोग ने दोनो पक्षों को न्यायालय में तलाक की प्रकिया करने के निर्देश के साथ इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया।

एक प्रकरण में पति-पत्नी के मध्य लिखित समझौता हुआ। दोनों ने एक दूसरे के शर्तों को मानने की सहमति दी है। आयोग की समझाइश दिए जाने पर पति, पत्नी को बीस हजार रुपये देने तैयार हुआ। दोनों के मध्य लिखित समझौता स्टाम्प पर अगली पेशी को करवाया जाएगा। प्रकरण को अगली पेशी में निराकरण किया जाएगा।

महिला ने अपने नशेड़ी पति पर शक के कारण एक अन्य महिला के खिलाफ आयोग में शिकायत की है। आज की सुनवाई में डोंबों पक्षों को विस्तार से सुनने पर स्पष्ट हुआ कि महिला के पिता और भाई का ऑटो पार्ट्स का व्यवसाय करते हैं, जिसमें महिला का पति शॉकब रिपेयर का काम करता है, और सामान महिला के दुकान से खरीदता है। उस दुकान का उधारी पैसा भी अभी तक नहीं दिया है, महिला तीन महीने से अपने मायके में रह रही है उसे शक है कि पति का नाजायज संबंध है जो कि पूर्णतः निराधार है। ऐसे निराधार शक के आधार पर किसी महिला को अपमानित करना उचित नहीं है और आयोग किसी महिला को अपमानित नही कर सकती। आयोग में पति पत्नी को समझाइश दी गई। इस प्रकरण को 6 माह की निगरानी में रखते हुए नस्तीबद्ध किया गया।

एक प्रकरण में 50 हजार देने की बात हुई थी, परन्तु 6 माह तक एक भी रूपये आवेदिका को नहीं दिया है। महिला का कथन है कि उसने डेढ़ लाख रूपये की बाइक खरीदकर दी, उसकी किस्त भी चुकाई है। महिला की गाड़ी को आयोग में जमा किया गया है। अगली पेशी को महिला को 50 हजार रुपये देगा और अपनी गाड़ी वापस ले जायेगा। पैसा नहीं देने पर गाड़ी की चाबी महिला को सुपुर्द कर दिया जायेगा।

आज जनसुनवाई में 31 प्रकरण रखे गए थे जिसमें 4 प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया है।

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