राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा


नयी दिल्ली. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ को लेकर बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस नेतृत्व को बदनाम करने की साजिश सफल नहीं होगी. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ये कैसा लोकतंत्र है? कार्यकर्ता अपनी पार्टी के दफ्तर में नहीं जा सकते, नेता अपने कार्यकर्ताओं से नहीं मिल सकते. पूरे देश में जो हालात हैं, सबके सामने है. ऐसी स्थिति कभी नहीं हुई.’’

भूपेश बघेल ने कहा, ‘‘पिछले आठ वर्षों से सिर्फ एक व्यक्ति केंद्र सरकार की खामियां उजागर कर रहा है, वह हैं राहुल गांधी. नोटबंदी, जीएसटी, लॉकडाउन सहित हर गलत फैसले का राहुल गांधी ने विरोध किया है. भाजपा की सोच है कि राहुल गांधी की आवाज को दबा दिया जाए तो कोई हमारे खिलाफ कोई नहीं बोल पायेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रवाद ‘आयातित राष्ट्रवाद’ है, जिसमें विरोधियों को कुचलने की बात की जाती है. झूठे मामलों में फंसा कर राहुल गांधी को परेशान करने की कोशिश महंगी पड़ेगी. आजादी की लड़ाई में भूमिका निभाने वाले अखबार (नेशनल हेराल्ड) को बचाने के लिए कांग्रेस ने कदम उठाया है तो उसे धन शोधन के नाम पर फंसाने की नाकाम कोशिश की जा रही है. ये पूरा देश देख रहा है. कांग्रेस नेतृत्व को बदनाम करने की साजिश में भाजपा को सफलता नहीं मिलेगी.’’

कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार के इशारे पर दिल्ली पुलिस ने उसके मुख्यालय पर ‘हमला’ बोला और कई नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि पुलिस के इस व्यवहार और जनता के हक में उठने वाली राहुल गांधी की आवाज को दबाए जाने के खिलाफ कांग्रेस बृहस्पतिवार को सभी राजभवनों का घेराव करेगी.

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कांग्रेस के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि पुलिसकर्मी कांग्रेस मुख्यालय के अंदर दाखिल नहीं हुए और न ही उन्होंने बल प्रयोग किया. सुरजेवाला ने संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया, ‘‘भाजपा और मोदी सरकार की पिट्ठू दिल्ली पुलिस गुंडागर्दी की हर सीमा पार गई. भाजपा के इशारे पर पुलिस दरवाजे तोड़कर कांग्रेस मुख्यालय में घुसी और नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को पीटा. अब लगता है कि प्रजांतत्र की हत्या हो चुकी है, संविधान को बुलडोजर के नीचे रौंद दिया गया है, केवल अत्याचार का शासन बचा है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सब्र का इम्तहान नहीं लें. किस हैसियत से पुलिस ने कांग्रेस मुख्यालय पर हमला बोला? वे कैसे कांग्रेस मुख्यालय में घुसकर नेताओं और कार्यकर्ताओं को पीट सकते हैं? इसका जवाब दिल्ली पुलिस और मोदी सरकार को देना पड़ेगा… इस घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारी जान लें कि एक-एक अधिकारी का हिसाब होगा.’’ सुरजेवाला ने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए, उन्हें निलंबित किया जाए और उनके खिलाफ विभागीय जांच हो.’’

कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा, ‘‘ये संघर्ष है- सत्य की रक्षा के लिए, संविधान की रक्षा के लिए. भाजपा की तानाशाही हुकूमत और उस हुकूमत का क्रूर शासक कान खोलकर सुन ले- इस क्रूरता का करारा जवाब दिया जाएगा, हर जुल्म का हिसाब लिया जाएगा. लड़ाई जारी है.’’ पार्टी के सांसद कार्ति चिदंबरम ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ‘निजी मिलिशिया’ की तरह व्यवहार कर रही है.

कांग्रेस मुख्यालय में घुसने के मुख्य विपक्षी दल के इस आरोप को खारिज करते हुए दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हो सकता है कि कुछ धक्कामुक्की हुई हो, लेकिन पुलिस कांग्रेस कार्यालय के भीतर नहीं गई. पुलिस ने कोई बल प्रयोग भी नहीं किया.’’ उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ को लेकर कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता पिछले तीन दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं.

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