रोशनी की उम्मीद लिये देश के सबसे बड़े अस्पताल चेन्नई के शंकरा नेत्रालय पहुंची दृष्टिहीन बहनें चंदा और रिया


रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संवेदनशीलता जल्द ही किसी की अंधेरी दुनिया में उजेला बिखेर सकती है। मुख्यमंत्री के वादे के मुताबिक बलरामपुर जिले के बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली दृष्टिहीन बहनें चंदा और रिया इलाज के लिये चेन्नई के प्रख्यात शंकरा नेत्रालय अस्पताल पहुंच गईं हैं। शुक्रवार को नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टरों के निर्देशन में दोनों बच्चियों की आंखों की प्रारंभिक जांच हुई। वहां के डॉक्टरों ने बताया कि बच्चियों को जेनेटिक बीमारी है जिसके लिये और भी विस्तृत जांचों की जरूरत है। शनिवार को भी बाकी की जांच की जाएंगी। आपको बता दें कि 5 मई को बलरामपुर के आरागाही गांव के भेंट मुलाकात कार्यक्रम में आर्थिक रूप से कमजोर अनती देवी मुख्यमंत्री से अपनी दोनों दृष्टिहीन बच्चियों की सहायता की मांग करते हुये रो पड़ी थीं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने संवेदनशीलता दिखाते हुये अनती देवी से कहा था कि आप चिंता ना करें, आपके बच्चों के इलाज में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। देश के जिस अस्पताल में इलाज होगा हम वहां इलाज कराएंगे। मुख्यमंत्री ने आश्वासन देते हुये कहा था कि दिल्ली हो या चेन्नई जहां भी इलाज संभव होगा, बच्चियों का इलाज कराएंगे। गरीब परिवार की बच्चियों के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद चंदा और रिया को सबसे पहले जांच के लिये रायपुर एम्स लाया गया। जहां डॉक्टरों ने चेन्नई के प्रख्यात शंकरा नेत्रालय जाने हेतु अनुशंसा की। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ दोनों बच्चियों को परिवार सहित चेन्नई भेजा गया है।
इन जांचों के बाद तय होगा इलाज – डॉक्टरों के मुताबिक दोनों दृष्टिहीन बहनों को जेनेटिक बीमारी है। शुक्रवार सुबह दोनों की जांच नेत्र विशेषज्ञों द्वारा की गयी। डॉक्टरों का कहना है कि अभी प्रारंभिक जांच की गयी है शनिवार को यूएसजी, ईआरजी, एलवीए-1, ग्लूकोमा के विस्तृत जांच करायीं जाएंगी, उसके बाद ही तय किया जाएगा कि क्या इलाज करना है।

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